Parenting Tips: बच्चे को बनाना है एक्सट्रोवर्ट? गर्मी की छुट्टियों में 5 तरीकों से करें पर्सनैलिटी डेवलपमेंट

बच्चे की पर्सनैलिटी डेवलट करने के आसान टिप्स।
Parenting Tips: गर्मी की छुट्टियाँ बच्चों के लिए मस्ती का समय होती हैं, लेकिन ये समय पर्सनैलिटी डिवेलपमेंट के लिए भी सबसे बेहतरीन होता है। खासकर उन बच्चों के लिए जो शर्मीले स्वभाव के होते हैं या नए लोगों से घुलने-मिलने में हिचकिचाते हैं। ऐसे बच्चों को एक्सट्रोवर्ट (मिलनसार और आत्मविश्वासी) बनाना मुश्किल नहीं, बस जरूरत होती है थोड़े समझदारी और सही गाइडेंस की।
एक्सट्रोवर्ट बनने का मतलब सिर्फ बातूनी होना नहीं, बल्कि अपने विचार बिना झिझक के साझा करना, नए अनुभवों को अपनाना और सामाजिक माहौल में सहज महसूस करना भी है। गर्मी की छुट्टियों में बच्चे के पास समय होता है खुद को बेहतर तरीके से जानने और निखारने का, बस आपको चाहिए कुछ स्मार्ट टिप्स, जो उसे धीरे-धीरे एक ओपन और कॉन्फिडेंट पर्सन बना सकें।
5 टिप्स करेंगी पर्सनैलिटी ग्रूम
बच्चे को ग्रुप एक्टिविटी में शामिल करें
गर्मी की छुट्टियों में बच्चों के लिए आर्ट क्लास, डांस, म्यूजिक या स्पोर्ट्स जैसे कई समर कैंप होते हैं। इन्हें जॉइन कराने से बच्चा नए बच्चों से मिलेगा, टीम में काम करना सीखेगा और अपनी झिझक धीरे-धीरे छोड़ पाएगा। यह उसे सोशल इंटरैक्शन में सहज बनाता है।
फैमिली और फ्रेंड्स के साथ पब्लिक इंटरैक्शन करवाएं
बच्चे को दुकान से कुछ मंगवाकर बोलने देना, कॉल पर किसी रिश्तेदार से बात करवाना या किसी छोटे फैमिली फंक्शन में बोलने का मौका देना — ये छोटे-छोटे अभ्यास बच्चे को कॉन्फिडेंट बोलना सिखाते हैं और उसका डर कम करते हैं।
‘रोल प्ले’ खेलें और कल्पना को बढ़ावा दें
घर पर ‘शॉपकीपर-कस्टमर’ जैसे गेम्स खेलना, स्टोरी टेलिंग एक्टिविटी कराना या उसे किसी फिल्म या किताब का किरदार बनने देना, उसकी कल्पनाशक्ति और एक्सप्रेशन की ताकत को बढ़ाता है। इससे बच्चा बोलने में रुचि लेने लगता है और नया रोल निभाने में आत्मविश्वास पाता है।
उसकी बातें सुनें और सराहें
बच्चे की बातों को ध्यान से सुनना, उस पर प्रतिक्रिया देना और उसकी कोशिशों की तारीफ करना उसे मोटिवेट करता है। जब बच्चा देखता है कि उसकी बातों को अहमियत मिल रही है, तो वह और खुलकर अपनी बात कहने लगता है।
स्क्रीन टाइम कम, सोशल टाइम ज्यादा दें
गर्मी की छुट्टियों में टीवी और मोबाइल पर ज्यादा समय बिताने से बच्चे का सोशल बिहेवियर सीमित हो सकता है। इसकी बजाय उसे बाहर खेलने के लिए प्रोत्साहित करें, दोस्तों को घर बुलाएं या उसे आउटिंग पर ले जाएं, जिससे वह रियल-लाइफ इंटरैक्शन में दिलचस्पी ले।
हर बच्चा जन्म से एक्सट्रोवर्ट नहीं होता, लेकिन सही माहौल और एक्टिविटीज से आप अपने बच्चे को आत्मविश्वासी, बोलने में सहज और सोशल बना सकते हैं। इस गर्मी छुट्टियों को सिर्फ मस्ती नहीं, बल्कि एक नई पर्सनैलिटी की शुरुआत बनने दीजिए।