Parenting Tips: बच्चे को सेल्फ रीडिंग कैसे सिखाएं समझ नहीं आ रहा? 5 पैरेंटिंग टिप्स करेंगी आपकी मदद

बच्चे में सेल्फ रीडिंग की आदत डालने के टिप्स।
Parenting Tips: आज के डिजिटल दौर में बच्चों का ध्यान किताबों से ज्यादा मोबाइल और टीवी पर लगा रहता है। ऐसे में बच्चों में पढ़ने की आदत डालना पैरेंट्स के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। सेल्फ रीडिंग की आदत बच्चों के लिए बेहद जरूरी है। इससे दिमागी विकास, अच्छी कम्यूनिकेशन और सोचने-समझने की क्षमता बढ़ जाती है।
रीडिंग हैबिट से बच्चे मे कॉन्फिडेंस आने के साथ उसकी वॉकेबलरी भी काफी स्ट्ऱॉन्ग बन जाती है। अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा खुद से किताबें पढ़ने में रुचि ले, तो कुछ आसान टिप्स इसमें आपकी मदद कर सकते हैं।
5 टिप्स से बच्चे करेंगे सेल्फ रीडिंग
किताबों का चुनाव
पैरेंट्स होने के नाते बच्चों के लिए किताबों का चयन सोच समझकर करें। उनकी उम्र, पसंद और भाषा स्तर का ध्यान रखें। रंगीन चित्र, मजेदार कहानियां और छोटे-छोटे वाक्य बच्चों को अट्रैक्ट करते हैं और उन्हें सेल्फ रीडिंग के लिए प्रेरित करते हैं।
रीडिंग कॉर्नर बनाएं
घर में एक छोटा सा रीडिंग कॉर्नर तैयार करें, जहां आरामदायक कुर्सी लगी हो। यहां अच्छी लाइट और बच्चों की पसंदीदा किताबें रखें। यह जगह बच्चों के लिए एक खास रीडिंग स्पॉट बन सकती है, जहां वे खुद से बैठकर पढ़ने का आनंद लें।
रीडिंग को रूटीन का हिस्सा बनाएं
दिन में एक निश्चित समय रीडिंग के लिए तय करें, जैसे सोने से पहले या शाम को। जब पढ़ना उनकी रोजमर्रा की आदत बन जाएगा, तो वे खुद से किताबें उठाने लगेंगे।
खुद मिसाल पेश करें
बच्चे अक्सर बड़ों को देखकर सीखते हैं। ऐसे में बच्चे अगर आपको किताब पढ़ते देखेंगे तो खुद भी ऐसा करना शुरू कर देंगे। आपके साथ बैठकर किताब पढ़ना उनके लिए मजेदार अनुभव बन सकता है।
रीडिंग को इंटरएक्टिव बनाएं
कहानी पढ़ते समय बच्चों से सवाल पूछें और उन्हें आगे की कहानी का अंदाजा लगाने को कहें। इससे उनका ध्यान कहानी में लगा रहेगा और उनकी सोचने की क्षमता भी बढ़ेगी।
(कीर्ति)
