Parenting Tips: बच्चे को झूठ बोलना तो नहीं सिखा रहीं आपकी आदतें? भूलकर भी न करें ये 5 गलतियां

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बच्चे की झूठ बोलने की आदत छुड़ाने के टिप्स।

Parenting Tips: कई बच्चे जरूरत से ज्यादा झूठ बोलने लगते हैं। बहुत बार ऐसा पैरेंट्स द्वारा कुछ गलतियां बार-बार दोहराने की वजह से भी होता है।

Parenting Tips: हर मां-बाप चाहते हैं कि उनका बच्चा ईमानदार और सच्चा बने, लेकिन कई बार अनजाने में हम खुद ही ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जो बच्चों को झूठ बोलना सिखा देती हैं। माता-पिता की कुछ सामान्य आदतें, जैसे डर दिखाना, डांटना या झूठ बोलकर काम निकलवाना, धीरे-धीरे यही बात उनके व्यवहार का हिस्सा बन जाती है।

बच्चे अपने माता-पिता के सबसे अच्छे ऑब्जर्वर होते हैं। वो जो देखते हैं, वही सीखते हैं। इसलिए जरूरी है कि माता-पिता खुद अपने व्यवहार में सच बोलने की आदत डालें और बच्चों को भी ईमानदारी की अहमियत सिखाएं।

5 गलतियों से झूठ बोलना सीखता है बच्चा

बच्चों को डराकर सच बुलवाना: कई पेरेंट्स बच्चे से गलती होने पर गुस्से में डांटते या सजा देते हैं। इससे बच्चा सोचता है कि सच बोलने पर परेशानी होगी, इसलिए वह झूठ बोलना शुरू कर देता है। बच्चों के साथ शांत रहकर बातचीत करें और समझाएं कि गलती मानना बुरा नहीं, बल्कि सुधार का पहला कदम है।

खुद झूठ बोलकर काम निकालना: आप अगर फोन पर झूठ बोलते हैं तो बच्चा यह देखकर समझता है कि झूठ बोलना एक सामान्य बात है। याद रखें, बच्चे जो देखते हैं वही करते हैं, इसलिए अपने व्यवहार में पारदर्शिता लाएं।

बच्चों से झूठ बुलवाना: अक्सर माता-पिता स्कूल या रिश्तेदारों के सामने बच्चों से झूठ बुलवा देते हैं। यह बात भले मजाक में कही जाए, लेकिन बच्चे इसे गंभीरता से लेते हैं। इससे उनके दिमाग में झूठ बोलने की आदत पक्की हो जाती है।

बच्चों पर ज़रूरत से ज़्यादा प्रेशर डालना: अगर आप हर बात पर बच्चे से परफेक्ट रिजल्ट की उम्मीद करते हैं, तो वह डर के मारे सच्चाई छिपाने लगता है। हमेशा याद रखें बच्चों को सुधार की जगह दें, डर की नहीं। उन्हें यह महसूस कराएं कि सच बोलने पर आप डांटेंगे नहीं बल्कि साथ देंगे।

बच्चे की बातों को अनदेखा करना: जब बच्चा सच बोलकर अपनी गलती बताता है और माता-पिता उसे इग्नोर कर देते हैं, तो अगली बार वह खुलकर बात नहीं करता। बच्चों की बातें ध्यान से सुनें और उनके भरोसे को बनाए रखें।

सकारात्मक माहौल बनाएं

घर में ऐसा माहौल बनाएं जहां सच बोलने की आदत को प्रोत्साहन मिले। जब बच्चा ईमानदारी दिखाए तो उसकी तारीफ करें। बच्चे को यह महसूस होना चाहिए कि सच्चाई बोलने से उसे प्यार और सम्मान मिलेगा, न कि डांट या सजा।

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