World No Tobacco Day 2025: ओरल कैंसर से बचाव के 5 मंत्र, आज से ही आदत में करें शुमार

World No Tobacco Day 2025: हर साल 31 मई को वर्ल्ड नो टोबैको डे (World No Tobacco Day) मनाया जाता है, यह दिन लोगों को तंबाकू और इससे जुड़ी बीमारियों के खतरों के प्रति जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। तंबाकू सेवन एक साइलेंट किलर है जो धीरे-धीरे आपके शरीर को अंदर से खोखला कर देता है, खासकर ओरल कैंसर यानी मुंह के कैंसर का सबसे बड़ा कारण बनता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट, पान मसाला जैसे तंबाकू उत्पादों के कारण ओरल कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में ज़रूरी है कि आप समय रहते खुद को और अपनों को जागरूक करें।
तो आइए, इस World No Tobacco Day 2025 के मौके पर जानते हैं ओरल कैंसर से बचाव के 5 बेहद जरूरी और आसान टिप्स, जिन्हें अपनाकर आप खुद को इस घातक बीमारी से काफी हद तक सुरक्षित रख सकते हैं।
1. तंबाकू और धूम्रपान से बनाएं दूरी
तंबाकू और धूम्रपान ओरल कैंसर के सबसे बड़े कारणों में से एक हैं। गुटखा, पान मसाला, सिगरेट, बीड़ी और हुक्का जैसे उत्पादों में निकोटीन और टार जैसे खतरनाक केमिकल्स होते हैं, जो मुंह की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। इनके नियमित सेवन से कैंसर की सेल्स पनपने लगती हैं और धीरे-धीरे ये जानलेवा रूप ले लेता है। तंबाकू की लत छुड़ाना आसान नहीं है, लेकिन नामुमकिन भी नहीं। इसके लिए डॉक्टर या डि-एडिक्शन सेंटर की मदद लें।
2. शराब से रखें परहेज
शराब में मौजूद इथेनॉल मुंह के टिश्यूज़ को कमजोर करता है और कैंसर की संभावना को बढ़ाता है। शराब और तंबाकू दोनों का मिश्रित सेवन ओरल कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ा देता है। इसलिए सेहतमंद जिंदगी जीने के लिए शराब से दूरी बनाना सबसे जरूरी कदम है।
3. हेल्दी डाइट लें
विटामिन A, C, और E से भरपूर फल और सब्जियां इम्यून सिस्टम को मजबूत करती हैं और कैंसर जैसी बीमारियों से लड़ने में मदद करती हैं। हेल्दी डाइट में इन चीजों को करें शामिल-
- हरी पत्तेदार सब्जियां
- खट्टे फल जैसे संतरा, नींबू
- गाजर, चुकंदर
- एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर नट्स और सीड्स।
4. मुंह की नियमित जांच और सफाई कराएं
ओरल कैंसर का पता अगर शुरुआती स्टेज में चल जाए, तो इलाज संभव है। इसके लिए हर 6 महीने में डेंटल चेकअप कराएं और किसी भी तरह की गांठ, घाव या घाव न भरने की स्थिति में डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। ब्रश करने के साथ-साथ जीभ और मसूड़ों की सफाई भी जरूरी है।
5. मुंह में छाले, घाव या रंग बदलने पर लापरवाही न करें
अगर मुंह में किसी भी हिस्से में छाला, घाव या रंग में बदलाव नजर आए और वो 2 हफ्ते से ज्यादा समय तक ठीक न हो तो यह खतरे की घंटी हो सकती है। ऐसे लक्षणों को नजरअंदाज करना जानलेवा हो सकता है। तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
क्यों जरूरी है जागरूकता?
नेशनल हेल्थ पोर्टल के मुताबिक, भारत में हर साल करीब 77,000 से अधिक लोग ओरल कैंसर से अपनी जान गंवाते हैं। इनमें से अधिकांश केस उन लोगों के होते हैं जो लंबे समय तक तंबाकू या शराब का सेवन करते हैं। अच्छी खबर यह है कि यह कैंसर रोकथाम योग्य है अगर समय रहते सतर्क हो जाएं।