Peanut shells: मूंगफली के छिलके कर देंगे कमाल! सेहत और घर के कामों का सुपरहीरो

मूंगफली के छिलकों के उपयोग।
Peanut shells: अक्सर हम मूंगफली खाते ही उसके छिलकों को बेकार समझकर फेंक देते हैं, लेकिन यही छिलके कई कामों में चुपचाप कमाल कर सकते हैं। सेहत से लेकर गार्डनिंग और घरेलू इस्तेमाल तक, मूंगफली के छिलकों में छुपे फायदे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। मूंगफली में जितने गुण हैं, लगभग उतने ही इसके छिलके में भी छिपे हैं, बस इनका सही तरीके से उपयोग जरूरी है।
आजकल जब लोग वेस्ट से बेस्ट की तलाश में हैं, तब मूंगफली के छिलके एक आसान और किफायती विकल्प बन सकते हैं। सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो ये छिलके न सिर्फ पैसे बचाते हैं, बल्कि प्राकृतिक और सुरक्षित समाधान भी देते हैं।
मूंगफली के छिलकों के उपयोग
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर, सेहत को मिले सपोर्ट: मूंगफली के छिलकों में पॉलीफेनॉल जैसे एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो शरीर में फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं। छिलकों से बनी हल्की चाय (उबालकर छान लें) पारंपरिक रूप से इम्यूनिटी सपोर्ट के लिए इस्तेमाल की जाती है। हालांकि, किसी भी घरेलू नुस्खे को अपनाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना बेहतर होता है।
पाचन में मददगार: छिलकों में मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को सक्रिय रखने में सहायक हो सकता है। सीमित मात्रा में और सही तरीके से इस्तेमाल करने पर यह कब्ज जैसी समस्याओं में राहत देने में मदद कर सकता है।
गार्डनिंग के लिए वरदान: मूंगफली के छिलके पौधों के लिए बेहतरीन ऑर्गेनिक मल्च का काम करते हैं। इन्हें मिट्टी की ऊपरी परत पर बिछाने से नमी बनी रहती है, खरपतवार कम उगते हैं और मिट्टी की गुणवत्ता सुधरती है। कम्पोस्ट में मिलाने पर भी ये तेजी से जैविक खाद बनने में मदद करते हैं।
प्राकृतिक क्लीनिंग में उपयोगी: सूखे मूंगफली के छिलकों को पीसकर हल्का एब्रेसिव पाउडर बनाया जा सकता है। इससे तांबे-पीतल के बर्तनों की हल्की सफाई की जा सकती है। यह केमिकल क्लीनर का नेचुरल विकल्प बन सकता है।
इको-फ्रेंडली फ्यूल और क्राफ्ट: ग्रामीण इलाकों में मूंगफली के छिलकों का उपयोग ईंधन के रूप में भी किया जाता है। इसके अलावा, बच्चों के क्राफ्ट प्रोजेक्ट्स या डेकोरेशन में भी ये छिलके काम आते हैं सस्ते, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल।
पशु आहार में सीमित उपयोग: कुछ जगहों पर प्रोसेसिंग के बाद मूंगफली के छिलकों को पशु आहार में फाइबर स्रोत के रूप में मिलाया जाता है। हालांकि, यह काम विशेषज्ञ मार्गदर्शन में ही किया जाना चाहिए।
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(लेखक:कीर्ति)
