यौन शोषण के आरोप में जस्टिस गंगेले पर महाभियोग चलाने की मांग, PIL हुआ दायर

यौन शोषण के आरोप में जस्टिस गंगेले पर महाभियोग चलाने की मांग, PIL हुआ दायर
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अक्टूबर 2012 में वह ग्लावियर में अडिशनल डिस्ट्रिक्ट और सेशन जज नियुक्त की गईं थी।
भोपाल. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जज एसके गंगेले पर ग्वालियर जिला अदालत की सेशन जज द्वारा लगाए गए यौन शोषण के आरोपों के बाद अब उन्हें हटाने की मांग शुरू हो गई है। पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल इंदिरा जयसिंह खुलकर महिला जज के समर्थन में आ गई हैं। उन्होंने तुरंत जज गंगेले पर महाभियोग चला कर उन्‍हें हटाए जाने की मांग की है। जयसिंह ने उनके खिलाफ संसद में महाभियोग की प्रक्रिया शुरू करने और मुख्य न्यायधीश द्वारा उनके खिलाफ जांच की मांग की है। वहीं, महिला जज ने अपनी शिकायत में सनसनीखेज आरोप लगाए हैं।
देश के चीफ जस्टिस आर. एम. लोढ़ा, सुप्रीम कोर्ट के जज एच. एल. दत्तू, टी. एस. ठाकुर अनिल आर. दबे, दीपक मिश्रा, अरुण मिश्रा और मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को भेजी गई अपनी शिकायत में उन्होंने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। सेशन जज का आरोप है कि हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच के एक ऐडमिनिस्ट्रेटिव जज ने अपने बंगले पर अकेले मिलने के लिए उन पर दबाव डाला। आरोप के मुताबिक, ऐडमिनिस्ट्रेटिव जज ने उनके मोबाइल पर मेसेज भेजकर अपने घर पर आइटम सॉन्ग पर डांस करने के लिए बुलाया, लेकिन अपनी बेटी के जन्मदिन का बहाना बनाकर उन्होंने इसे टाल दिया।
जस्टिस गंगेले पर लगे आरोपों को पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस आर एम लोढा का कहना है कि यह मामला बेहद गंभीर है और इस मामले पर उचित कार्रवाई की जाएगी। पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल और यौन शोषण केस में लॉ इंटर्न को न्याय दिलाने के लड़ने वालीं इंदिरा जयसिंह ने कहा है कि यदि जज ही सुरक्षित नहीं हैं, तो आम आदमी कानून-व्यवस्था पर क्या भरोसा कर सकता है। जस्टिस गंगेले को हटाए बिना इस मामले में काम नहीं चलेगा।
नीचे की स्‍लाइड्स में जानिए, हाल में जजों पर लगे आरोप के बारे में -
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