कुडनकुलम पावर प्रोजेक्ट राष्ट्र को समर्पित, जाने 10 खास बातें...

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By - haribhoomi.com |9 Aug 2016 6:30 PM
न्यूक्लियर पॉवर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया 1,000 मेगावॉट के दो रूसी रिएक्टर स्थापित कर रही है।
चेन्नई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संयुक्त रूप से बुधवार को कुडनकुलम न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट की पहली इकाई देश को समर्पित किया। कार्यक्रम में तमिलनाडु की सीएम जयललिता भी मौजूद थीं। पीएम मोदी ने कहा कि देश में स्वच्छ उर्जा उत्पादन बढ़ाने के लिये किये जा रहे निरंतर प्रयास में कुडनकुलम-एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। जानिए इस न्यूक्लियर प्लांट के बारे में 10 खास बातें...
1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी में कुछ शब्दों में राष्ट्रपति पुतिन को औपचारिक रूप से न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट के पहले चरण की शुरूआत में शामिल होने के लिए धन्यवाद दिया और यह भी कहा कि, 'मैं जी -20 शिखर सम्मेलन में आपके साथ बैठक के लिए तत्पर हुं।'
2. पीएम मोदी के बोलने से पहले राष्ट्रपति पुतिन ने कहा था, 'हम परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भारत के साथ बड़ी योजना कि उम्मीद करते हैं। इस साल के अंत तक इस परियोजना के तीसरे भाग पर भी हस्ताक्षर कर दिए जाएंगे।'
3. कुडनकुलम प्लांट की दोनों इकाइयों को 22,000 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बनाया गया है। पहली इकाई ने 2013 में बिजली उत्पादन शुरू कर दिया था। यह करीब 1,000 मेगावॉट बिजली पैदा करती है, जिसमें से आधी तमिलनाडु द्वारा इस्तेमाल की जाती है।
4. यह भारत का पहला न्यूक्लियर पावर प्लांट है। इसे रूस के सहयोग से तैयार किया गया है। ये रिएक्टर न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और रूसी कंपनी एटम्सट्रॉयएक्सपोर्ट के संयुक्त प्रयास से तैयार किए जा रहा है।
5. इस समझौते पर दस्तखत वर्ष 1988 में भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी तथा तत्कालीन सोवियत संघ के राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचोव ने किए थे, लेकिन सोवियत संघ के विघटन के बाद उत्पन्न हुए हालात की वजह से यहां निर्माण कार्य वर्ष 1999 में शुरू हो पाया।
6. परमाणु-विरोधी ने इसे तमिलनाडु के लिए खतरा बताया है लेकिन प्लांट के इंजीनीयर का मानना है कि यह दुनिया का सबसे सुरक्षित न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट है।
7. सीमांत इलाकों में ग्रामीणों के ज़ोरदार विरोध के बावजूद पहले प्लांट को चालू किया गया। ग्रामीणों का आरोप था कि रूसी तकनीक सुरक्षित नहीं है, उसमें कमियां हैं, और इससे पहले उसका कहीं परीक्षण भी नहीं हुआ है, इसलिए यह प्लांट एक ज़िन्दा बम की तरह है, जो इलाके से मछलियों को खत्म कर देगा।
8. परमाणु-विरोधी आंदोलन का चेहरा माने जाने वाले एसपी उदयकुमार ने आरोप लगाया, 'पिछले दो साल में पहली इकाई 32 बार बंद हुई, और ऊर्जा उत्पादन के लिए भरोसेमंद इकाई बनने की दिशा में लड़खड़ाकर ही बढ़ रही है। रूसी तथा भारतीय सरकारों द्वारा की जा रही यह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग दरअसल सभी तरह के परेशान करने वाले सवालों से बचने का सबसे बढ़िया तरीका है।' हालांकि कुडनकुलम के अधिकारी इन आरोपों से सरासर इंकार करते हैं।
9. कुडनकुलम परियोजना से तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश तथा केरल सहित कई राज्यों को बिजली आपूर्ति किए जाने की उम्मीद की जा रही है।
10. अधिकारियों का कहना है कि कुडनकुलम प्लांट की दूसरी इकाई विभिन्न परीक्षणों तथा मंजूरियों के बाद जल्द ही तैयार हो जाएगी। इस इकाई से 1,000 मेगावॉट बिजली के उत्पादन की उम्मीद है।
साभार- एनडीटीवी
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