Knowledge News : पहले किसी और नाम से जाना जाता था राजपथ, जानें इससे जुड़े कई रोचक तथ्य

देश की ऐतिहासिक जगह को लोग अब राजपथ (Rajpath) के नाम से नहीं बल्कि कर्तव्य पथ (Kartavya Path) के नाम से जानेंगे। केंद्र सरकार ने दिल्ली में स्थित राजपथ का नाम बदलकर 'कर्तव्य पथ' कर दिया है। इंडिया गेट से लेकर राष्ट्रपति भवन तक पूरा रास्ता और क्षेत्र अब कर्तव्य पथ के नाम से ही जाना जाएगा। आपको बता दें कि यह वही सड़क है जहां पर हर साल 26 जनवरी यानि की गणतंत्र दिवस (Republic Day) के मौके पर भव्य परेड और झांकियां निकाली जाती है। लेकिन आपको बता दें कि ऐसा कोई पहली बार नहीं है जो इस ऐतिहासिक रस्ते का नाम बदला गया हो। इससे पहले भी इसका नाम बदला जा चुका है। इसके साथ ही इस कर्तव्य पथ का इतिहास भी बेहद खास है। तो चलिए आज हम आपको अपनी इस खबर में इसके बदले नाम से लेकर इसके बारे में कई रोचक बातें बताते हैं जो शायद आप नहीं जानते होंगे।
किसने डिजाइन किया था राजपथ
राजपथ यानि की आज के कर्तव्य पथ को ब्रिटिश वास्तुकार सर एडविन लुटियंस ने डिजाइन किया था। इंडिया गेट से लेकर राष्ट्रपति भवन तक जाने वाली इस सड़क के दोनों तरफ सिर्फ गार्डन हैं। उस समय में इसे राष्ट्रपति भवन से नए शहर का दृश्य प्रस्तुत करने के लिए बनाया गया था, जो उस समय वायसराय का हाउस था और अब भारत के राष्ट्रपति के आधिकारिक निवास है।
राजपथ से पहले क्या था नाम
आज आप लोग रास्ते को राजपथ के नाम से जानते हैं वो एक समय में किंग्सवे हुआ करता था। जहां पर सिर्फ राजाओं को ही जाने की इजाजत हुआ करती थी। इसका मतलब यह है कि ब्रिटिश काल में ब्रिटिश शासकों के अहम अधिकारी ही इस रास्ते से जाया करते थे। अंग्रेजों ने किंग जॉर्ज V (जॉर्ज पंचम) के सम्मान में राजपथ का नाम किंग्सवे रखा था। जॉर्ज पंचम साल 1911 में दिल्ली दरबार में हिस्सा लेने के लिए आए थे। ऐसा कहा जाता है कि इसी समय दिल्ली को भारत की राजधानी बनाया गया था। इससे पहले भारत की राजधानी कोलकाता हुआ करती थी। यहां पर किंग्सवे का मतलब राजा का रास्ता से था।
कहां है राजपथ
अगर राजपथ की बात कि जाए तो यह रायसीना हिल्स पर स्थित राष्ट्रपति भवन के गेट से होकर विजय चौक से लेकर राष्ट्रीय स्टेडियम तक जाता है। यहां पर बाग और छोटी झीलें भी हैं। हालांकि अभी यहां पर सेंट्रल विस्टा का काम चल रहा है। बताया जा रहा है कि राजपथ के साथ-साथ केंद्र सरकार सेंट्रल विस्टा लॉन का नाम भी बदलने की तैयारी में है। ये रास्ता करीब 3 किलोमीटर का है। राजपथ के लोकप्रिय आकर्षणों में नेशनल म्यूजियम, राष्ट्रीय संग्रहालय और इंडिया गेट शामिल हैं।
कैसे बना राजपथ
जब देश को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली तो भारत में काफी सुधार हुए। अंग्रेजों के नाम पर रखी हुई बहुत सी जगहों का नाम बदला गया और इनमे से कुछ जगहों को आम लोगों के लिए भी खोला गया। इसमें राजपथ भी शामिल था। आजादी के बाद साल 1947 में जवाहर लाल नेहरू देश के प्रधानमंत्री बने। उन्होंने 1955 में इस किंग्सवे का नाम बदलकर राजपथ रखने का फैसला किया।
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