Knowledge News : Restart और Reboot के बीच क्या है अंतर, जानिए कब करना चाहिए किसका इस्तेमाल
क्या आप जानते हैं कि स्मार्टफोन के फीचर्स रिबूट और रिस्टार्ट में क्या अंतर होता है। अगर नहीं तो चलिए हम आपको इस आर्टिकल में बताते हैं।

Knowledge News : आज के समय में आपको किसी के हाथ में फोन न नजर आए ऐसा हो ही नहीं सकता। छोटे से लेकर बड़े तक, हर कोई स्मार्टफोन चलाते नजर आ जाएंगे। ऐसा हो भी क्यों न, स्मार्टफोन आज हर किसी की जरुरत बन गया है। इसके बावजूद भी आपको ऐसे बहुत कम लोग देखने को मिलेंगे, जिन्हें स्मार्टफोन के हर फीचर्स के बारे में पता होगा। वहीं कुछ यूजर्स ऐसे भी होते हैं, जिन्हें फीचर्स के बारे में पता तो होता है, लेकिन वो उन्हें इस्तेमाल करने से घबराते हैं कि पता नहीं फोन में क्या हो जाए। अब हम आपको दो ऐसे फीचर्स के बारे में बताने वाले हैं, जिसे लगभग सबने देखा होगा, लेकिन उनके बीच अंतर बहुत कम लोगों को पता होगा।
क्या है दोनों के बीच अंतर
ऐसे बहुत से लोग हैं, जो इन फीचर्स का इस्तेमाल तो करते हैं, लेकिन उन्हें भी इनके बीच का अंतर नहीं मालूम होता। यहां तक कि बहुत से लोगों को तो ये भी नहीं पता होता कि ये फीचर्स आखिर काम क्या करते हैं। अगर आपको भी रिबूट और रिस्टार्ट में क्या फर्क होता यह नहीं पता, तो चलिए हम आपको इनके बीच का फर्क बताते हैं।
रिबूट का मतलब
रिबूट किसी भी डिवाइस के हार्डवेयर को नॉन फंक्शन स्टेट्स से ओपरेशनल स्टेट्स में बदल देता है। अक्सर रिबूट का इस्तेमाल डिवाइस शुरू करने के लिए करते हैं। रिबूट का काम फोन को चालू करना है। आपको बता दें कि एक फोन को बहुत से कारणों से रिबूट किया जा सकता है, जैसे हैंग होना या फिर किसी ऐप का रिस्पांस न करना।
किसी भी चीज को रिबूट करना एक सामान्य सा कार्य है, इसे आप हर प्रकार के डिवाइसों में यूज कर सकते हैं। अगर राउटर, लैपटॉप, टैब, फोन, कंप्यूटर आदि ठीक से काम नहीं कर रहे हैं, तो आप उन्हें रिबूट कर सकते हैं।
क्या होता है रीस्टार्ट का मतलब
बता दें कि रीस्टार्ट का मतलब होता है किसी भी डिवाइस को बंद करके फिर से चालू करना। इसे बहुत से डिवाइस की सेटिंग में बदलाव करने के बाद रीस्टार्ट किया जाता है। आपने देखा होगा कि जब आप कभी अपने स्मार्टफोन पर फर्मवेयर या फिर सॉफ्टवेयर अपग्रेड करते हैं, तो ऐसे में अक्सर फोन रीस्टार्ट करने के लिए कहा जाता है।
बता दें कि रीस्टार्ट के मुकाबले फोन को रिबूट तेजी से किया जा सकता है। इसकी वजह यह है कि फोन को बंद करने और इसे फिर से चालू करने के लिए ज्यादा समय की जरुरत होती है, जबकि रिबूट करने से ऐसे बहुत सारे स्टेप्स छूट जाते हैं और यह तेजी से काम करता है। इसके अलावा रीस्टार्ट करना सिस्टम और हार्डवेयर का एक टेस्ट होता है। यह सिस्टम के जंक डेटा को हटाता है। दूसरी तरफ रिबूट फोन के हार्डवेयर से छेड़छाड़ नहीं करता, इसलिए सिस्टम का कुछ भी डेटा डिलीट नहीं होता।

Rajshree Verma
मैं राजश्री बीते एक साल से हरिभूमि डिजिटल में सब-एडिटर के तौर पर करियर, वायरल और नॉलेज बीट पर कार्य कर रही हूं। कंटेंट राइटिंग में मुझे 5 सालों का अनुभव है। पत्रकारिता मेरा पैशन है और मुझे लिखना-पढ़ना बेहद पसंद है।