Artificial Intelligence History: 1300 वीं शताब्दी में बनाया गया पहला रोबोट, जानें AI का इतिहास

Artificial Intelligence History: मानव द्वारा किए जा रहे कार्य की जगह पहले टेक्नोलॉजी ने ली। उसके बाद जैसे-जैसे आधुनिकीकरण बढ़ा वैसै- वैसे मशीनों को मानव की तरह कार्य करने वाला बनाया जाना शुरू कर दिया गया, जिसका उदाहरण आज हम आसानी से देख सकते हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आने के बाद से इस विषय पर बहस शुरू हो गई है, लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इसका इतिहास आज का नहीं अपितु वर्षों पुराना है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 2700 साल पहले दुनिया का सबसे पहला रोबोट यूनान में बनाया गया था। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस( Artificial Intelligence) के उपयोग से दुनिया भर के लोगों के बीच नई बहस का मुद्दा पनप गया। किसी ने इसे मानव जीवन के लिए खतरा, तो किसी ने भविष्य को बदल देने वाला करार किया दिया।
दुनिया का पहला रोबोट टैलोस
वर्ष 1300 ईसा पूर्व के आसपास यूनान में एक कांस्य मानव का निर्माण किया गया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के रिसर्चर व विज्ञान इतिहासकार एड्रिएन मेयर ने दावा किया है कि उस कांस्य मानव का नाम टैलोस था। टैलोस बात नहीं कर सकता था। परन्तु इंसानों के इमोसन्स को समझ सकता था और इंसानों द्वारा किए जाने वाले सारे काम कर सकता था।
किसने किया था अविष्कार
टैलोस के निर्माण के पीछे यूनानी देवता हेफेस्टस को माना जाता है। हेफेस्टस ने टैलोस के साथ-साथ पेंडोरा और एक स्वचालित ग्रुप को भी बनाया था, जो रोजमर्रा के कामों में यूज किए जाते थे। ये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स के आधार पर बनाए गए थे।
लॉजिक थियोरिस्ट दुनिया का पहला AI प्रोग्राम
एआई (AI) की शुरुआत द्वितीय विश्व युद्ध (Second World War) के दौरान कर दी गई थी। उस वक्त में नाजी एनिग्मा कोड को तोड़ने के लिए एलन ट्यूरिंग नाम के शख्स ने ट्यूरिंग टेस्ट किया था, जिसका उद्देश्य ये पता लगाना था कि क्या मशीनें भी सोच और समझ सकती हैं।
Second World War के बाद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जनक जॉन मैक्कार्थी ने AI शब्द को तब बुना, जब उन्होंने कंप्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा (Computer Programming language) एल एस आईपी (LSIP) को तैयार कर लिया था। लॉजिक थियोरिस्ट (1955-1956) पहला AI बेस प्रोग्राम को एलन नेवेल, जेसी शॉ और हर्बर्ट साइमन ने मिलकर तैयार किया। यह प्रोग्राम केवल मैथ मैटिक्स प्रॉब्लम को हल कर पाता था।
Also Read: सिर्फ सफेद ही नहीं... दुनिया में पाया जाता है काले और गुलाबी रंग का दूध, जानें खासियत
जानिए खास बात
सन् 1960 से लेकर 1970 के दशक में एआई प्रोग्राम शुरू किए गए। जिन प्रोग्राम का नाम जोसेफ वेइजेनबाम और एलिजा था। अमेरिका संस्थान ने उस दौर में AI प्रोग्राम को फाइनेंसियल सपोर्ट किया। सन् 1997 में विश्व शतरंज चैंपियन गैरी कास्परोव को डीब्ल्यू एआई कंप्यूटर प्रोग्राम ने हराया था।
- होम
- क्रिकेट
- ई-पेपर
- वेब स्टोरीज
- मेन्यू
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS