पढ़िए, नोटों पर महात्मा गांधी की कहानी, कब और क्यों खींची गई थी यह तस्वीर

पढ़िए, नोटों पर महात्मा गांधी की कहानी, कब और क्यों खींची गई थी यह तस्वीर
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जिस समय यह तस्वीर खींची गई उस समय उस फोटोग्राफर को अंदाजा भी नहीं होगा कि उसकी तस्वीर युगों तक भारतीय करेंसी के पोट्रेट के रूप में अमर हो जाएगी।
नई दिल्ली. नोटों पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर को लेकर अकसर सवाल उठते रहे हैं। इसके बारे में अभी तक ज्यादातर लोगों को मालूम नहीं है कि यह फोटो कब की है और किस उद्देश्य से ली गई थी। 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती है। इस अवसर पर हम आपको बता रहे हैं इस फोटो की कहानी।
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यह तस्वीर उस समय किसी अज्ञात फोटोग्राफर द्वारा खींची गई थी जब गांधीजी ने बर्मा और भारत में तत्कालीन ब्रिटिश सेक्रेटरी के रूप में कार्यरत फ्रेडरिक पेथिक लॉरेंस के साथ मुलाकात की थी। यह मुलाकात वायसराय हाउस में हुई थी। जिस समय यह तस्वीर खींची गई उस समय उस फोटोग्राफर को अंदाजा भी नहीं होगा कि उसकी तस्वीर युगों तक भारतीय करेंसी के पोट्रेट के रूप में अमर हो जाएगी। यह तस्वीर सिर्फ पोट्रेट ही नहीं बल्कि गांधीजी की असली तस्वीर है।
1996 में हुआ नोटों में परिवर्तन
आज हम भारतीय नोटों पर गांधीजी का चित्र देख रहे हैं, जबकि इससे पहले नोटों पर अशोक स्तंभ अंकित हुआ करता था। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा 1996 में नोटों में परिवर्तन करने फैसला किया। तब अशोक स्तंभ की जगह महात्मा गांधी की तस्वीर अंकित की गई।
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