चुनाव 2014: ‘किंग’ बनने के फेर में जयललिता

चुनाव 2014: ‘किंग’ बनने के फेर में जयललिता
X
गैरभाजपा-गैर कांग्रेस ताकतों को एक छतरी में लाने के लिए रणनीति बनाने में जुटी तमिलनाडु की मुख्यमंत्री।
विज्ञापन
नई दिल्ली. विंध्याचल के उसपार दक्खन की लगभग 250 लोकसभा सीट के आधार पर प्रधानमंत्री प्रत्याशी के लिए तमिलनाडु की अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम मुख्यमंत्री जयराम जयललिता ने ताल ठोकी है। अन्ना द्रमुक महानायिका जयललिता के पीछे ओडिशा के बीजू जनता दल मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, पश्चिम बंगाल की सिंहनी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तेलुगु देशम पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री चन्द्रबाबू नायडू, सीमान्ध्र की वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख जगनमोहन रेड्डी आदि ‘हिमालयी दीवार’ बने हैं। चारों कम्युनिस्ट पार्टियां, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी. देवगौड़ा आदि भी सही समय जयाम्मा के दिग्विजयी रथ के सारथी होंगे।
स्मरण रहे कि भारत अमेरिकी परमाणु संधि पर लोक सभा में अविश्वास मत पर जयललिता और उत्तरप्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के बीच अंतरंग संबंध बने थे। इसीलिए अन्नाद्रमुक मुख्यमंत्री जयललिता ने बिना किसी लागलपेट के सीधे तमिलनाडु के स्थान पर राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व की पेशकश की। अन्ना द्रमुक ने अघोषित रूप से दक्खन गौरव एवं अस्मिता का भावुक, संवेदनशील राष्ट्रवादी ब्रहमास्त्र छोड़ा है। बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु के गैरकांग्रेसी, गैरभाजपा मुख्यमंत्रियों की त्रिमूर्ति ने लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस से निश्चित दूरी बनाकर दूर की कोड़ी चली है।
नीचे की स्‍लाइड्स में जानि‍ए, क्या हैं जयललिता के मंसूबे-

खबरों की अपडेट पाने के लिए लाइक करें हमारे इस फेसबुक पेज को फेसबुक हरिभूमि और हमें फॉलो करें ट्विटर पर-

और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

  • 1
  • 2

  • विज्ञापन
    Next Story
    विज्ञापन