आईटीबीपी के जवानों ने बनाया कीर्तिमान, 200 पर्वत चोटियों पर फहराया तिरंगा

आईटीबीपी के जवानों ने बनाया कीर्तिमान, 200 पर्वत चोटियों पर फहराया तिरंगा
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यह कीर्तिमान किसी भी संगठन द्वारा इतनी भारी संख्या में पर्वत चोटियों को फतेह करने का अद्वितीय रिकॉर्ड है।

नई दिल्ली. माउंटेनियरिंग में हमेशा अग्रणी रहने वाले अर्धसैनिक बल भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने पर्वतारोहण में एक साथ 200 से अधिक पर्वतों की चोटियों को फतेह कर नया गौरवशाली कीर्तिमान बनाया है।

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यह कीर्तिमान किसी भी संगठन द्वारा इतनी भारी संख्या में पर्वत चोटियों को फतेह करने का अद्वितीय रिकॉर्ड है। टीम में रतन सिंह सोनाल, जोत सिंह भंडारी, लोपसिंह शेरपा, प्रदीप नेगी, देवेंद्र सिंह, कृष्नाप्रसाद गुरंग और प्रसंग टी शेरपा शामिल है।

आईटीबीपी के महानिदेशक ने बताया कि बल के लिए यह कामयाबी अविस्मरणीय है। आधिक जानकारी देते हुए प्रवक्ता विवेक कुमार पाण्डेय ने बताया कि इस अभियान में रतन सिंह सोनाल, द्वितीय कमान अधिकारी के नेतृत्व में पिछले एक पखवाड़े में लद्दाख क्षेत्र में माउंट एवरेस्ट की तीन समूह चोटियों 6480 मीटर, हाइट 6489 मीटर तथा हाइट 6450 मीटर के सफलतापूर्वक आरोहण के साथ ही आईटीबीपी ने कुल 200 चोटियों के समिट का अनूठा रिकॉर्ड स्थापित किया है। माउंटेन फोर्स के रूप में विश्व प्रसिद्ध आईटीबीपी ने सन1970 से माउन्ट त्रिशूल से पर्वतारोहण के अभियानों को प्रारंभ किया था।

उन्होंने बताया कि आईटीबीपी के पर्वतारोहियों ने 1984, 1992, 1993, 1996, 2006 एवं 2012 में माउन्ट एवरेस्ट पर आरोहण किया है। अब तक आईटीबीपी के 24 अधिकारी व जवान माउन्ट एवरेस्ट पर आरोहण कर चुके हैं। एक संयुक्त पर्वतारोहण अभियान के सदस्य के तौर पर 1984 में आईटीबीपी से सबसे पहले सोनम पलजोर, सहायक सेनानी ने माउन्ट एवरेस्ट पर आरोहण किया था तथा 2012 में प्रेम सिंह सेनानी के नेतृत्व में छह पर्वतारोहियों ने एवरेस्ट चोटी पर आरोहण कर स्की डाउन किया था। आईटीबीपी ने कॉमेट, सासेर कांगड़ी, गया, कंचनजंगा, नंदा देवी, शिवलिंग, पंचाचूली, चौखम्भा समेत हिमालय की लगभग सभी चुनौतीपूर्ण चोटियों का सफलतापूर्वक आरोहण किया है।

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आईटीबीपी के छह पर्वतारोहियों को पद्मर्शी तथा 10 पर्वतारोहियों को तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। 1962 में अपनी स्थापना से ही आईटीबीपी देश की हिमालयी सीमा (भारत-चीन सीमा) की निगरानी के लिए उच्च तुंगता वाले क्षेत्रों में तैनात है जिसकी चौकियां समुद्रतल से 9,000 फीट से 18,700 फीट तक की ऊंचाई पर स्थित हैं।

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