IPL-6 स्पॉट फिक्सिंग कांडः पुलिस की कहानी पर कोर्ट को संदेह, नहीं मिला FIXING का कोई सबूत

IPL-6 स्पॉट फिक्सिंग कांडः पुलिस की कहानी पर कोर्ट को संदेह, नहीं मिला FIXING का कोई सबूत
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यह सिर्फ सट्टेबाजी से जुड़ा हुआ है- कोर्ट
नई दिल्ली. आईपीएल-6 स्पॉट फिक्सिंग कांड मामले की दिल्ली पुलिस की छानबीन एक स्थानीय अदालत के जांच के दायरे में आई, जिसने मैच फिक्सिंग की इसकी कहानी पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है जो यह जाहिर करे कि मैच गिरफ्तार आरोपियों ने फिक्स किए थे।
सत्र न्यायाधीश ने पुलिस से कहा कि आप टेलीफोन पर हुई जिस बातचीत (गिरफ्तार आरोपियों के बीच) का जिक्र कर रहे हैं वह बिल्कुल यह नहीं जाहिर करता कि उसमें मैच फिक्सिंग का कोई पुट है। यह सिर्फ सट्टेबाजी से जुड़ा हुआ है। मैच फिक्सिंग के बारे में कोई संकेत नहीं है। न्यायाधीश ने आरोप तय करने पर दलीलों की सुनवाई करते हुए विशेष सरकारी वकील राजीव मोहन से पूछा, क्या सट्टेबाजी अपने आप में एक अपराध है? अदालत के सवाल के जवाब में मोहन ने कहा, सट्टेबाजी अपने आप अवैध है लेकिन यह अपराध नहीं है।
कोर्ट का ऐसा सवाल
इस पर न्यायाधीश ने कहा, किस प्रावधान के तहत, सट्टेबाजी अवैध है? किसी फौजदारी कानून के तहत सट्टेबाजी एक अवैध गतिविधि है?
अभियोजक ने जवाब दिया, यह दीवानी कानून में अवैध गतिवधि है और फौजदारी कानून में नहीं।
आरोपों को तय करने के सवाल पर बहस के दौरान मोहन ने आरोपियों के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत का हवाला देते हुए कहा कि वे लोग मैच फिक्सिंग और सट्टेबाजी में शामिल थे।
उन्होंने बताया कि कॉल ब्योरा रिकार्ड (सीडीआर) स्पष्ट रूप से आरोपियों के बीच संबंध को जाहिर करता है जो पैसा कमाने के आपराधिक गिरोह का हिस्सा थे। इस पर अदालत ने कहा, आप (अभियोजक) जो कुछ कह रहे हैं वह 100 फीसदी सत्य हो सकता है लेकन कृपया मुझे साक्ष्य दिखाइए। दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने मामले की आगे की कार्यवाही के लिए आठ मई की तारीख तय की।

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