खोजः भारतीय मूल के प्रोफेसर ने बनाया पानी से चलने वाला कंप्यूटर

खोजः भारतीय मूल के प्रोफेसर ने बनाया पानी से चलने वाला कंप्यूटर
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यह कंप्यूटर सैद्धांतिक तौर पर वे सारी प्रक्रियाएं पूरी करने में सक्षम है जो कोई इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर कर सकता है।
कैलिफोर्निया. स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर मनु प्रकाश ने एक ऐसा कंप्यूटर बनाया है जो जल बूंदों से ऊर्जा हासिल करता है। भारतीय मूल के प्रकाश को यह विचार उस समय आया जब वह स्नातक के छात्र थे। अपने इस काम में उन्होंने कंप्यूटर विज्ञान के बुनियादी अवयव, घड़ी के साथ छोटी जल बूंदों के एक तंत्र को जोड़ा है। उन्होंने इस नए यंत्र को द ड्रॉपलेट कंप्यूटर नाम दिया है। यह कंप्यूटर सैद्धांतिक तौर पर वे सारी प्रक्रियाएं पूरी करने में सक्षम है जो कोई इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर कर सकता है।
ड्रॉपलेट कंप्यूटर के लिए प्रकाश ने शीशे की सतह पर लोहे की सलाखों की भूलभुलैया जैसी एक सारणी बनाई। फिर इसके ऊपर एक शीशा लगा दिया। दोनों शीशों के बीच हवा के अंतराल को तेल से भर दिया। इसके बाद बड़ी सावधानी से सारणी में पानी की बूंदें डालीं। इस क्रम में उन्होंने जल बूंदों में सूक्ष्म चुंबकीय कण मिला दिए। फिर इस व्यवस्था को तांबे की कुंडली द्वारा निर्मित एक चुंबकीय क्षेत्र में रखा।
प्रकाश ने इन सिद्धांत का उपयोग कर चुंबकीय कणयुक्त जल बूंदों को नियंत्रित किया। चुंबकीय क्षेत्र द्वारा नियंत्रित होने के कारण जल बूंदें घूमने लगीं। हर बार चुंबकीय क्षेत्र बदलने पर लोहे की सलाखों के ध्रुव बदल गए जिन्होंने जल बूंदों को गतिमान बनाए रखा। प्रकाश ने जल बूंदों की मौजूदगी को 1 और अनुपस्थिति को 0 के रूप में संकेतित किया। इस तरह उनकी कंप्यूटर घड़ी बनाई जो दरअसल 1 और 0 का निरंतर क्रम होती है। यह घड़ी जल बूंदों से चलती है इसलिए यह कंप्यूटर भी जल बूंदों से चलता है।

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