दलाल हो जाएं सावधान! जॉब के लिए विदेश जाने की टेंशन ख़त्म, योगी सरकार बनेगी 'भरोसेमंद एजेंट'

दलाल हो जाएं सावधान! जॉब के लिए विदेश जाने की टेंशन ख़त्म, योगी सरकार बनेगी भरोसेमंद एजेंट
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यूपी सरकार ने युवाओं को विदेश में सुरक्षित तरीके से रोजगार दिलाने के लिए श्रम एवं सेवायोजन विभाग ने विदेश मंत्रालय से "रिक्रूटमेंट एजेंसी" लाइसेंस के लिए आवेदन किया है।

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए सुरक्षित विदेशी रोजगार दिलाने के लिए योगी सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश के युवाओं को निजी एजेंसियों के धोखे और असुरक्षित माहौल से बचाने के लिए लिए श्रम एवं सेवायोजन विभाग ने विदेश मंत्रालय से "रिक्रूटमेंट एजेंसी" (आरए) लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। इस लाइसेंस के मिल जाने के बाद सरकार सीधे तौर पर युवाओं को विदेश में नौकरी के अवसर प्रदान कर सकेगी।

अभी तक, प्रदेश सरकार निजी एजेंसियों के माध्यम से युवाओं को विदेश में रोजगार दिलाती थी, लेकिन अब विभाग खुद यह काम करेगा। आरए लाइसेंस मिलते ही विभाग को सीधे युवाओं को विदेश भेजने, उन्हें सही सलाह देने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का अधिकार मिल जाएगा। इस पहल का उद्देश्य युवाओं के लिए एक पारदर्शी और सुरक्षित व्यवस्था बनाना है।

पारदर्शी और सुरक्षित प्रक्रिया

आरए लाइसेंस मिलने से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि युवाओं को निजी एजेंसियों के झांसे से बचाया जा सकेगा। कई बार निजी एजेंसियां युवाओं से मोटी रकम वसूलती हैं और उन्हें गलत जानकारी देती हैं, जिससे उन्हें विदेश में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस नई व्यवस्था से धोखाधड़ी की संभावना कम हो जाएगी और पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से होगी।

इजराइल, जापान और जर्मनी में रोजगार के अवसर

पिछले साल, यूपी सरकार ने 5,978 निर्माण श्रमिकों को इजराइल भेजा था, जिन्होंने अपने परिवारों को लगभग 1,400 करोड़ रुपये भेजे हैं। इसी को देखते हुए सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में 25,000 युवाओं को विदेश भेजने का लक्ष्य रखा है। इजराइल के अलावा, जापान और जर्मनी जैसे देशों में भी नर्सिंग, निर्माण और अन्य तकनीकी क्षेत्रों में कुशल श्रमिकों की भारी मांग है। आरए लाइसेंस मिलने के बाद इन देशों में भी युवाओं को भेजना आसान हो जाएगा।

स्किल गैप को दूर करने पर जोर

प्रदेश के युवाओं को विदेशों में सफल बनाने के लिए उनके स्किल गैप को दूर करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्हें उन देशों की जरूरतों के हिसाब से विदेशी भाषा और अन्य आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे वे वहां के कार्य माहौल में बेहतर तरीके से ढल पाएंगे।

युवाओं की सुरक्षा पहली प्राथमिकता

विभाग के मुताबिक विदेश जाने वाले युवाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए जाएंगे। विदेश पहुंचने के बाद दूतावास की मदद से स्थानीय अभिभावक की तरह एक व्यवस्था की जाएगी, ताकि युवा अकेला महसूस न करें और उन्हें कोई समस्या होने पर तुरंत मदद मिल सके। इसके अलावा, युवाओं की समस्याओं के समाधान के लिए एक 24x7 इंटीग्रेटेड कॉल सेंटर भी शुरू किया जाएगा।

यह पहल न केवल युवाओं को सुरक्षित और बेहतर रोजगार के अवसर प्रदान करेगी, बल्कि इससे उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। युवाओं द्वारा अपने परिवारों को भेजी गई कमाई से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

सरकार का सीधा संवाद

आरए लाइसेंस मिलने के बाद यूपी सरकार का संबंधित देशों के दूतावासों के साथ सीधा संवाद होगा। इसके लिए रोड शो, उद्योग सहयोग और प्रतिनिधिमंडल भ्रमण जैसी गतिविधियाँ भी आयोजित की जाएंगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि विदेशों में किस तरह की नौकरियों की मांग है और युवाओं को उन्हीं क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जा सके।

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