नवरात्रि 2025: लखनऊ में बन रहा है देश का सबसे बड़ा दुर्गा पूजा पंडाल! गिनीज बुक में भी दर्ज होगा नाम

लखनऊ : लखनऊ के जानकीपुरम सेक्टर ई के दुर्गा पार्क में इस साल दुर्गा पूजा के अवसर पर देश का सबसे बड़ा पंडाल बन रहा है, जिसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है। यह पंडाल अपनी भव्यता और विशालता के कारण देशभर में चर्चा का विषय बन गया है। 2 लाख वर्ग फुट के विशाल क्षेत्र में फैले इस पंडाल को बनाने में पश्चिम बंगाल के कारीगरों की तीन महीने की कड़ी मेहनत लगी है, जिसमें 54 कारीगरों ने दिन-रात काम किया है।
पंडाल की भव्यता और डिजाइन
इस पंडाल का डिजाइन बेहद खास है। इसे बाहर से पैगोडा शैली में बनाया गया है, जबकि इसके भीतर का नजारा लॉस एंजेलिस के स्वामी नारायण मंदिर की तरह दिखेगा। पंडाल की ऊंचाई 105 फीट, लंबाई 100 फीट और चौड़ाई 115 फीट है। इसके विशाल आकार के कारण ही इसे भारत का सबसे बड़ा पूजा पंडाल माना जा रहा है। इसका निर्माण 3 जुलाई को भूमि पूजन के साथ शुरू हुआ था, और तब से काम लगातार जारी है। पंडाल को बाहर से देखने पर यह बिल्कुल सफेद संगमरमर की तरह लगता है, जो इसकी भव्यता को और बढ़ा देता है।
मां दुर्गा की इको-फ्रेंडली प्रतिमा
पंडाल के केंद्र में मां दुर्गा की 18 फीट ऊंची इको-फ्रेंडली प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इस प्रतिमा को विशेष रूप से बंगाल के कारीगरों द्वारा तैयार किया गया है। यह प्रतिमा न केवल कला का उत्कृष्ट नमूना है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति भी एक मजबूत संदेश देती है। इसके अलावा, पंडाल में थर्मोकोल से बना एक भव्य ब्रह्मोस मिसाइल मॉडल भी स्थापित किया गया है। इस मिसाइल मॉडल के पास एक सेल्फी पॉइंट बनाया गया है, जहाँ श्रद्धालु और आगंतुक अपनी तस्वीरें खींच सकेंगे। यह पूजा के साथ-साथ एक आधुनिक और अनूठा आकर्षण प्रदान करता है।
15 दिनों तक चलेगा उत्सव
उत्सव पूजा समिति ने बताया कि यह उत्सव पूरे 15 दिनों तक चलेगा। इसकी शुरुआत 22 सितंबर को हुई है और इसका समापन 6 अक्टूबर को होगा। उत्सव के दौरान न केवल धार्मिक अनुष्ठान होंगे, बल्कि यह सभी उम्र के लोगों के लिए एक मनोरंजक और खास अनुभव भी होगा।
बच्चों और परिवार के लिए आकर्षण
यह आयोजन केवल पूजा-पाठ तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसे एक सम्पूर्ण पारिवारिक उत्सव बनाने की कोशिश की गई है। पंडाल के पास एक किड्स जोन, कई फूड स्टॉल और झूले भी लगाए गए हैं। जिससे यहाँ आने वाले हर आयु वर्ग के लोग इस महोत्सव का पूरा आनंद ले सकें। यह आयोजन 1995 से हो रहा है और इस साल इसका 31वां वर्ष है, जो पहले इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे के पास होता था, लेकिन अब इसे जानकीपुरम में शिफ्ट कर दिया गया है।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम
आयोजकों का मानना है कि इस पंडाल की विशालता और अनूठी विशेषताओं के कारण इसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में जरूर दर्ज होगा। 2 लाख वर्ग फुट के क्षेत्रफल में फैले इस पंडाल का निर्माण, थर्मोकोल से बना ब्रह्मोस मिसाइल मॉडल और इको-फ्रेंडली दुर्गा प्रतिमा, ये सभी इसे एक विशेष पहचान देते हैं। इस पंडाल को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोगों के आने की उम्मीद है।
