हरदोई में हड़कंप: कीर्ति कृष्णा अस्पताल में आग, नवजातों को कपड़े में लपेटकर नीचे फेंका

हरदोई: बच्चों के अस्पताल में आग, कपड़े में लपेटकर बचाए गए नवजात
उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में बुधवार (16 जुलाई 2025) को कीर्ति कृष्णा बाल चिकित्सालय में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब यहां शॉर्ट सर्किट से अचानक आग लग गई। आगजनी की इस घटना से अस्पताल में भर्ती 18 नवजात बच्चों समेत करीब 100 लोगों की जान खतरे में पड़ गई, लेकिन स्थानीय लोगों और स्टाफ ने बहादुरी दिखाते हुए समय रहते सभी को सुरक्षित निकाल लिया।
बेसमेंट से उठे धुएं ने मचाई भगदड़
घटना नघेटा रोड स्थित दो मंजिला चाइल्ड हास्पिटल में यह अग्निहादसा दोपहर 1 बजे हुआ है। यहां बेसमेंट से अचानक धुआं उठने लगा और देखते ही देखते ही पूरे परिसर में फैल गया। मरीजों और परिजनों में भगदड़ जैसे हालात बन गए।
नवजातों को कपड़ों में लपेटकर नीचे फेंका
स्थिति इतनी नाजुक बन गई कि नवजात बच्चों को फर्स्ट फ्लोर से कपड़ों और साड़ी में लपेटकर खिड़कियों या सीढ़ियों से नीचे उतारा गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि रेस्क्यू के दौरान बच्चे पूरी तरह सुरक्षित रहे। किसी को गंभीर चोट नहीं आई। परिजन सीढ़ियों के जरिए खुद से बाहर निकाले।
उत्तर प्रदेश: हरदोई के कीर्ति कृष्णा चाइल्ड हॉस्पिटल में बुधवार दोपहर अचानक आग लग गई। सीढ़ी लगाकर नीचे उतारे गए बच्चे और परिजन। pic.twitter.com/GYUyqhBGqC
— sonelal.kushwaha (@KushwahaK45286) July 16, 2025
फायर ब्रिगेड 30 मिनट बाद पहुंची
हादसे की सूचना मिलने के करीब आधे घंटे बाद फायर ब्रिगेड और पुलिस टीम मौके पर पहुंची। दो दमकल गाड़ियों ने आग पर काबू पा लिया। गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई। फिलहाल, अस्पताल में भर्ती सभी बच्चों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों में शिफ्ट कर दिया गया है।
क्या बोले जिम्मेदार और चश्मदीद?
- नन्हीं देवी हादसे के वक्त अस्पताल में ही मौजूद थीं, वह अपने 1 महीने के बच्चे का इलाज कराने आईं थीं। मीडिया को बताया कि जैसे ही आग की खबर मिली, मैंने बच्चे को गोद में उठाया और सीढ़ी से नीचे उतर आई।
- अस्पताल संचालक डॉ. सीके गुप्ता की पत्नी अपर्णा ने बताया धुआं पूरे परिसर में फैल गया था। घटना की स्पष्ट वजह सामने नहीं आई, लेकिन संभवत: बैटरी ब्लास्ट या शॉर्ट सर्किट से यह आग लगी।
फायर अलार्म सिस्टम व अग्निशमन यंत्र नहीं थे
सीएफओ महेश कुमार ने बताया कि फायर ब्रिगेड की टीम ने समय रहते आग पर काबू पा लिया। स्थानीय लोगों और स्टाफ ने भी तत्परता दिखाई है। अन्यथा बड़ी क्षति हो सकती थी। इस हादसे में किसी की जान नहीं गई, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक तैयारियों पर सवाल उठने लगे हैं। अस्पताल में फायर अलार्म सिस्टम या अग्निशमन यंत्र प्रभावी रूप से कार्यरत नहीं थे।
