यूएन में समलैंगिकों के खिलाफ भारत, रुस और पाक का दिया साथ

यूएन में समलैंगिकों के खिलाफ भारत, रुस और पाक का दिया साथ
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मून समलैंगिकों और ट्रांसजेंडर के लिए समान अधिकारों के मजबूत पैरोकार रहे हैं।

संयुक्‍त राष्‍ट्र. अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर भारत ने समलैंगिकता के खिलाफ यूनाइटेड नेशन में रूस के एक प्रस्ताव का समर्थन किया है। इसी के साथ 43 देशों ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में रूस की ओर से तैयार उस प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया है। हालांकि 80 देशों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया और ये लाभ जारी रहने की वकालत की।

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इसलिए यह यूएन में पारित नहीं हो पाया। इस प्रस्ताव का मकसद समलैंगिक जीवनसाथी वाले यूएन कर्मचारियों के विवाह संबंधी वित्तीय फायदों को रोकना था। प्रस्ताव पारित होने की स्थिति में यूएन महासचिव बान की मून को कर्मचारियों को फायदों एवं भत्तों से जुड़ी अपनी नीति को वापस लेना पड़ता।

मून समलैंगिकों और ट्रांसजेंडर के लिए समान अधिकारों के मजबूत पैरोकार रहे हैं। बीते साल गर्मियों में मून की ओर से बनाई गई नीति में यूएन के सभी कर्मचारियों के लिए समलैंगिक विवाह को मान्यता दी गई थी। रूस के प्रस्ताव का 43 देशों ने समर्थन किया। इनमें भारत-पाक के अलावा चीन, इजिप्ट, ईरान, इराक, जॉर्डन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात शामिल थे। 37 देश वोटिंग से नदारद रहे।

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रूसी प्रस्ताव का विरोध करने में अमेरिका ने अगुवाई की। यूएन में अमेरिका की स्थाई प्रतिनिधि सामंथा पावर ने कहा कि मतदान कभी नहीं होना चाहिए था, क्योंकि इससे संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रशासनिक फैसले लेने संबंधी अधिकार को चुनौती देने की खतरनाक परिपाटी बनी है।

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