अब अपने बूते अंतरिक्ष में पहुंचेगा भारत, स्वदेशी स्पेसशिप बनाने के बेहद करीब

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By - haribhoomi.com |22 May 2015 6:30 PM
स्पेस में 1 किलो कोई भी सामान ले जाने का कुल खर्च लगभग 5000 डॉलर के करीब है। जो अब केवल 500 डॉलर तक सिमट कर रह जाएगा।
मुंबई. भारत जल्द ही अंतरिक्ष क्षेत्र में एक और बड़ी सफलता हासिल करने जा रहा है। दरअसल भारत का स्पेस सेंटर इसरो (ISRO) अपने स्पेस शिप कार्यक्रम को जल्द ही पूरा कर लेगा। जानकारी मिली है कि भारत ने इस दिशा में उस सीरे तक काम को पूरा कर लिया है जहां केवल थोड़े दिनों का और इंतजार बाकी रह गया है।
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गौरतलब है कि इस साल जुलाई या अगस्त महीने के अंत तक तकरीबन 1.5 टन वजनी स्पेस शटल सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र श्रीहरिकोटा से लांच किया जाएगा। यदि भारत को इस प्रोग्राम में सफलता मिलती है तो 'मेड इन इंडिया' स्पेसशिप भारत के अंतरिक्ष प्रोग्राम में नया कीर्तीमान स्थापित करेगा। इस विमान का नाम RLV-TD दिया गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि तिरुवाअनंथपुरम स्थित विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर में इस स्पेसशिप कार्यक्रम को फाइनल टच दिया जा रहा है।
केवल इतना ही नहीं भविष्य में भी यह बेहद कारगर साबित होने वाला है। भारत स्पेस में नए खोज कार्यक्रमों की शुरुआत कर सकेगा। जिनसे भारत अछूता था वहां तक भारत अपनी पहुंच कायम करेगा।
उल्लेखनीय है कि इस कार्यक्रम के पूरा हो जाने के बाद भारत के स्पेस कार्यक्रम का खर्चा घट जाएगा। स्पेस में 1 किलो का कोई भी सामान ले जाने का कुल खर्च लगभग 5000 डॉलर के करीब है। इस सम्बंध में स्पेस वैज्ञानिकों का अनुमान है कार्यक्रम में सफलता मिलने के बाद यह खर्च केवल 500 अमरीकी डॉलर तक सिमट कर रह जाएगा। इससे आप अंदाजा लगा सकते है कि भारत को कितनी बड़ी सफलता हासिल होने वाली है।
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