सावधानः सर्दियों में बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा, सिकुड़ जाती हैं हृदय धमनियां

सावधानः सर्दियों में बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा, सिकुड़ जाती हैं हृदय धमनियां
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इस मौसम में ठंड के कारण हृदय के अलावा मस्तिष्क और शरीर के अन्य अंगों की धमनियां सिकुड़ती हैं।
नई दिल्ली. सर्दियों में अधिक खाना, शराब का अधिक सेवन और अधिक तनाव हृदय रोगों को आमंत्रण देते हैं। वहीं इस मौसम में ठंड के कारण हृदय के अलावा मस्तिष्क और शरीर के अन्य अंगों की धमनियां सिकुड़ती हैं। इससे रक्त प्रवाह में रूकावट आती है और रक्त के थक्के बनने की आशंका अधिक हो जाती है। ऐसे में न केवल दिल का दौरा पड़ने के बल्कि मस्तिष्क और शरीर के अन्य अंगों में स्ट्रोक पड़ने का खतरा अधिक होता है। चिकित्सकों का कहना है कि सर्दियों में अक्सर लोग अवसाद या तनाव के भी शिकार हो जाते हैं।
व्यायाम करने की आदत और खान-पान को लेकर बरती जाने वाली सावधानी भी कम हो जाती है। ये सभी कारण मिलकर सर्दियों में हमारे दिल को काफी संवेदनशील बना देते हैं। वहीं डॉ.तलवार के अनुसार गर्मियों की तुलना में सर्दियों में रक्तचाप न केवल तेजी से बढ़ता है बल्कि तेजी से गिरता भी है। खासकर सर्दियों की सुबह में रक्तचाप बहुत तेजी से बढ़ता है। इस दौरान दिल की धड़कन और नब्ज भी बहुत तेजी से बढ़ता है। उच्च रक्तचाप और दिल के मरीजों के लिए सुबह के पहले तीन घंटे बेहद अहम होते हैं।

हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. पुरुषोत्तम लाल ने बताया कि बच्चों तथा ऐसे बुजुर्ग जो फेफड़े, दमा, मधुमेह, आर्थराइटिस और हृदय रोगों से प्रभावित है, उनके लिए अत्यधिक ठंड खतरनाक साबित हो सकती है। उनके अनुसार जाड़े में छाती में दर्द अथवा भारीपन और सांस लेने में दिक्कत जैसी शिकायतें लेकर उनके अस्पताल आनेवाले मरीजों की संख्या में 30 प्रतिशत तक का इजाफा हो जाता है। डॉक्टर दीपक तलवार के अनुसार ठंड के कारण उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों में दिल का दौरा पड़ने का खतरा काफी बढ़ जाता है।
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