'जब शब्द भी चुप हो गए': सीमा कपूर ने अपनी आत्मकथा में बयां किया अजन्मे बच्चे को खोने का दर्द

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सीमा कपूर की आत्मकथा: जब मां ने अजन्मे बच्चे को खोया

निर्देशिका सीमा कपूर ने आत्मकथा 'यूं गुजरी है अब तलक' में अजन्मे बच्चे को खोने, ओम पुरी से रिश्तों और महिला होने की पीड़ा को शब्द दिए।

Seema Kapoor Interview : प्रसिद्ध फिल्म निर्देशिका और स्वर्गीय ओम पुरी की पत्नी सीमा कपूर ने अपनी आत्मकथा ‘यूं गुजरी है अब तलक’ में एक मां, एक पत्नी, और एक महिला के रूप में झेले गए जीवन के सबसे कठिन लम्हों को बयां किया है। भोपाल के हिंदी भवन में आयोजित ‘किताब उत्सव’ में शिरकत के दौरान उन्होंने अपने निजी जीवन की कई अनसुनी परतें हरिभूमि के साथ खास बातचीत में खोलीं।

बयां नहीं कर पाई दिल का दर्द

सीमा कपूर ने बताया कि एक मां के लिए सबसे बड़ा आघात अपने बच्चे को खोना होता है, और जब वह बच्चा जन्म भी न ले सका हो, तब दर्द शब्दों से बाहर होता है। मेरे जीवन में जब यह दौर आया तो मैं अंदर से इतना टूट गई कि किसी से दिल का दर्द भी नहीं बयां कर पा रही थी।

ज्वालामुखी शांत करने लिख दी आत्मकथा

बकौल सीमा कपूर, माता-पिता और भाइयों से कहती तो उन पर भी दुखों का सैलाब टूटता, लेकिन मेरे भीतर के ज्वालामुखी को कैसे शांत करूं। ऐसे में मैंने अपनी आत्मकथा ‘यूं गुजरी है अब तलक’ लिखने की सोची और दिल के दर्द को पुस्तक में बयां किया।

ओम पुरी से रिश्ते और माफ़ी की कहानी

  • सीमा कपूर ने ओम पुरी से अपने रिश्तों का जिक्र करते हुए कहा, 14 वर्षों का प्रेम, 3 साल की शादी और फिर अलगाव, लेकिन जीवन के अंतिम क्षणों में भी हम एक हुए।
  • सीमा के मुताबिक, ओम पुरी ने अंतिम समय में मुझसे माफी मांगी और साथ रहने की इच्छा जताई। मैंने उन्हें क्षमा कर दिया, क्योंकि मैं क्षमा के सिद्धांत में भरोसा करती हूं।
  • मेरे करीबियों से कहा, क्षमा नहीं करना चाहिए था, लेकिन मुझे ऐसा लगा कि मैं गौतम बुद्ध और महावीर के पदचिन्हों को मानती हूं और क्षमा में विश्वास करती हूं, इसलिए मैंने उन्हें क्षमा कर दिया।

नन्हीं गिलहरी को बिल्ली से छुड़ाया

सीमा को जानवरों से बेहद लगाव है। वह मानती हैं कि इनके साथ उनका पूर्व जन्मों का नाता है। 5 माह पूर्व उन्होंने नन्हीं गिलहरी को बिल्ली के मुंह से छुड़वाया और अपने साथ रख लिया। उनके पास एक डॉग भी है, जो 14-15 साल से साथ रह रहा। बताया कि पशुप्रेम मां से सीखा है।

21 की उम्र में मोलेस्ट से हुआ सामना

सीमा ने बताया कि आत्मकथा लिखने के लिए मैंने काफी हिम्मत जुटाई है, क्योंकि इसमें मैंने उस हादसे का भी जिक्र किया, जब महज 21 साल की उम्र में एक व्यक्ति ने मुझे मोलेस्ट करने का प्रयास किया था। हालांकि, किताब में मैंने उस व्यक्ति का नाम नहीं लिखा।

महिला प्रधान फिल्म ‘पतंग मसाला’

सीमा कहती हैं कि आने वाले समय में मेरी महिला प्रधान फिल्म ‘पतंग मसाला’ आने वाली है। इसमें पतंग मतलब औरत और मसाला औरत के जीवन का मसाला है। क्योंकि औरत किसी भी पद पर क्यों न हो किचन में मसाला पकाना उसका प्रमुख काम है।

रिपोर्ट: मधुरिमा राजपाल

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