Exclusive: प्राण प्रतिष्ठा को लेकर क्या बोले आध्यात्मिक गुरु विजयशंकर मेहता, देखें खास बातचीत...

Vijay Shankar Mehta AND Himanshu Dwivedi
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हरिभूमि और INH के प्रधान संपादक हिमांशु द्विवेदी की आध्यात्मिक गुरु पंडित विजयशंकर मेहता से Exclusive बातचीत।
अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देशभर में उत्साह है। राम भक्तों को इस दिन का बेसब्री से इंतजार है। इधर कुछ स्वर विरोध में भी गूंज रहे हैं। इस पर क्या कहते हैं आध्यात्मिक गुरु पंडित विजयशंकर मेहता?

Exclusive On Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा होगी। 16 जनवरी यानी मंगलवार से 11 दिवसीय अनुष्ठान शुरू हो गया है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन की खासियत क्या है? किस मुहूर्त में आयोजन हो रहा है? यह कितना शुभ है? आयोजन को लेकर आपके मन में क्या अनुभूति है? कोई राष्ट्रपति तो कोई शंकराचार्य की गैर मौजूदगी को लेकर विषय बना रहा है? ऐसे तमाम सवालों के जवाब जानने के लिए INH पर देखें 'राम नाम अधारा' शो। हरिभूमि और INH के प्रधान संपादक हिमांशु द्विवेदी की आध्यात्मिक गुरु पंडित विजयशंकर मेहता से Exclusive बातचीत।

'राम जी जिसके भाग्य में लिखेंगे उसके हाथ पूजा होगी'
कोई राष्ट्रपति के बारे में बात कर रहा है तो कोई शंकराचार्य की गैर मौजूदगी को लेकर विषय बना रहा है? आप जैसा आध्यात्मिक गुरु इसमें समाज को क्या दृष्टि देना चाहेगा? इस पर पंडित विजयशंकर मेहता ने कहा कि मैं यही कहूंगा कि रामजी जिसके भाग्य में लिखेंगे उसके हाथ पूजा होगी।

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'हिम्मत कभी नहीं हारना चाहिए, जो सच होता है, वो सच होता है'
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन को किस दृष्टि से देख रहे हैं आप? आयोजन को लेकर क्या अनुभूति आपके अपने मन में है? हिमांशु द्विवेदी के इस सवाल पर पंडित विजयशंकर मेहता ने कहा कि पूरे अनुष्ठान को लेकर सोचता हूं तो मेरे मन में एक बात आती है। ये एक लंबा संघर्ष था, 500 साल का लगभग। 22 जनवरी उसकी सफलता का दिन है। मैं नई पीढ़ी को ये मैसेज देना चाहूंगा। हिम्मत कभी नहीं हारना चाहिए। जो सच होता है, वो सच होता है। अगर आपकी नियत साथ है तो नीति आपका साथ देती है। ये अनुष्ठान इस बात का प्रतीक है।

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