विश्वविद्यालयों में अब प्लोटिंग फैकल्टी से शिक्षा देने की तैयारी, मदवि में तीन कुलपतियों ने किया मंथन
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में प्रदेश के तीन कुलपतियों ने इस पर मंथन करके इसके एक प्रारूप पर मंथन किया। यह ड्राफ्ट राज्य सरकार को भेजने से पहले इन्हीं तीनों शिक्षाविदों की एक और बैठक होगी।

प्रदेश के विश्वविद्यालयों में छात्रों को शिक्षा दिलवाने के लिए एक और नया प्रयोग राज्य सरकार करने जा रही है। जिसके तहत यूनिवर्सिटी फ्लोटिंग फैकल्टी से छात्रों को शिक्षा दिलवाएगी। इसकी तैयारियां शुरू होगी। बुधवार को महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में प्रदेश के तीन कुलपतियों ने इस पर मंथन करके इसके एक प्रारूप पर मंथन किया। यह ड्राफ्ट राज्य सरकार को भेजने से पहले इन्हीं तीनों शिक्षाविदों की एक और बैठक होगी। जिसमें प्रारूप को अंतिम रूप दिया जाएगा। बुधवार को राज्य सरकार द्वारा गत मई में गठित की तीन सदस्यीय कमेटी की पहली बैठक थी।
ऐसे समझें फ्लोटिंग फैकल्टी को
शिक्षकों को लेकर अभी तक प्रदेश में, स्थाई शिक्षक और अतिथि शिक्षकों का कन्सेप्ट रहा है। इन दोनों श्रेणियों में अध्यापकों को पूरे महीने का वेतन दिया जाता है, लेकिन अब जो नया कन्सेप्ट शुरू करने की तैयारी सरकार द्वारा की जा रही है, उसमें फ्लोटिंग शिक्षक रखे जाएंगे। इन शिक्षकों को शिक्षण संस्थान न तो महीने का वेतन देगा और न पीरियड के हिसाब से पैसा देगी, बल्कि किसी भी पाठ्यक्रम की पढ़ाई को अनुबंध किया जाएगा।
अनुबंध की क्या-क्या शर्तें होगी, यह फ्रेम करने के लिए ही बुधवार को डेढ़ घंटे तक एमडीयू कुलपति प्रोफेसर राजबीर सिंह, डॉ. बीआर अम्बेडकर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी सोनीपत के कुलपति प्रो. विनय कुमार मेहता और गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने मंथन किया।
एमडीयू ने रूल किए फ्रेम
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय ने फ्लोटिंग फैकल्टी के रूल फ्रेम करने के लिए एक कमेटी का गठन यूनिवर्सिटी ने किया था। कमेटी अपनी रिपोर्ट विश्वविद्यालय को सौंप चुकी है। इसके बाद गत 26 नवम्बर को रूल फ्रेम के बारे में यूनिवर्सिटी की तरफ से अधिसूचना जारी की जा चुकी है। बताया जा रहा है कि बुधवार को हुई बैठक में एमडीयू ने अपने रूल की कॉपी प्रो. टंकेश्वर कुमार और प्रो. विनय कुमार मेहता को दी। ताकि ये दोनों शिक्षाविद एमडीयू के रूल का अध्ययन कर सकें।
शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर नए विषयों का उद्भव हो रहा है। ऐसे में स्थाई शिक्षकों की भर्ती किया जाना व्यवहारिक नहीं है। किसी भी विषय के विशेषज्ञों से फ्लोटिंग फैकल्टी के रूप में विश्वविद्यालय अनुबंध करेगा। इसके लिए राज्य सरकार के दिशा-निर्देश पर रूल फ्रेम किए जा रहे हैं। बुधवार को बैठक इसके लिए आयोजित की गई। प्रो. राजबीर सिंह, कुलपति महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App