सोशल डिस्टेंसिंग की लोगों ने उड़ाई धज्जियां तो प्रशासन ने तैनात कर दिए ड्रोन

सोशल डिस्टेंसिंग की लोगों ने उड़ाई धज्जियां तो प्रशासन ने तैनात कर दिए ड्रोन
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बाजार खुलने के बाद दिन-प्रतिदिन बढ़ रही भीड़ को मध्यनजर रखते हुए प्रशासन ने बाजारों की निगाहेबानी में ड्रोन की उड़ाने शुरू करवाई हैं। बकायदा यह देखा जा रहा है कि किस बाजार में दुकानदार और ग्राहक सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा रहे हैं। ऐसे में प्रशासन ने बाजारों पर ड्रोन तैनात कर दिए हैं।

बाजार खुलने के बाद दिन-प्रतिदिन बढ़ रही भीड़ को मध्यनजर रखते हुए प्रशासन ने बाजारों की निगाहेबानी में ड्रोन की उड़ाने शुरू करवाई हैं। बकायदा यह देखा जा रहा है कि किस बाजार में दुकानदार और ग्राहक सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा रहे हैं। ऐसे में प्रशासन ने बाजारों पर ड्रोन तैनात कर दिए हैं। अगर हालात ऐसे ही रहे तो प्रशासन दोबारा से बाजार बंद करवाने को गम्भीरता से ले रहा है। क्योंकि प्रशासन लॉकडाउन की डेढ़ महीने की कड़ी मेहनत को किसी भी तरह से बेकार नहीं जाने देगा। इसके लिए प्रशासन कितनी भी सख्ती क्यों न करनी पड़े।

इधर सांपला उप मंडल के गांव अटायल में कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद उपरांत प्रशासन लगातार निगरानी बरत रहा है। बुधवार को खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय में बीडीपीओ राजपाल चहल ने ग्राम सचिवों की बैठक ली। इसमें बताया गया कि कन्टेंमेंट जाेन और बफर जोन के गांवों में संघन स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। सामाजिक डिस्टेंशिंग की पालना को लेकर लगातार लोेगों को प्रेरित करने के बारे में खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी ने ग्राम सचिवों को कहा। उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंशिंग टूटती ही बीमारी फैलने की आशंका बढ़ जाती है। बीडीपीओ राजपाल चहल ने कहा कि हमारे देश का सौभाग्य है कि अभी तक कोरोना समुदाय में नहीं फैला है।

शराब ठेकों पर पुलिस तैनात

सरकार के निर्देशानुसार आज से शराब केे ठेके खुल गए हैं। जिला प्रशासन द्वारा सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए मार्किंग व बैरिकेडिग की गई है। प्रशासन द्वारा पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है ताकि शराब के ठेकों के बाहर भीड़ एकत्रित न हो और सामाजिक दूरी को बनाए रखा जा सके। इसके अलावा सभी ठेकों पर सेनिटाइजर रखवाए गए हैं। जिला में शराब के स्टॉक को चैक करने के लिए जिला स्तरीय टीमें गठित की गई है। एल वन शराब की सप्लाई शुरू हो गई है।

27 हजार श्रमिकों ने किया आवेदन

जिला में कार्यरत लगभग 27 हजार प्रवासी मजदूरों ने अपने घर वापिस जाने के लिए आवेदन दर्ज किया है। इन मजदूरों की संख्या जिला प्रशासन द्वारा औद्योगिक इकाईयों, निर्माण कार्यों आदि को अनुमति प्रदान करने के उपरांत कम भी हो सकती है। यह मजदूर काम न होने की वजह से भी घर वापिस लौटना चाहते हैं। लेकिन अब अधिकांश मजदूर यहां पर काम करने का मन बना चुके है। जिला प्रशासन द्वारा इन मजदूरों व कामगारों को वापिस अपने राज्य भेजने हेतु आवश्यक प्रबंध किए गए हैं। मजदूरों को भेजने के लिए टे्रन की व्यवस्था की जाएगी। जिला प्रशासन द्वारा प्रवासी मजदूरों व कामगारों के स्वास्थ्य की जांच की जाएगी तथा गृह राज्य पहुंचने पर आवश्यकतानुसार इन्हें 14 से 21 दिन तक क्वारेंटाइन किया जाएगा। दूसरे राज्यों से जिला में आने वाले लोगों को भी चिकित्सा परीक्षण के बाद क्वारेंटाइन किया जाएगा।

उद्योगों को दी अनुमति

691 औद्योगिक इकाईयों को कार्य करने की अनुमति प्रदान की गई है, जिनमें लगभग 27 हजार मजदूर कार्यरत है। जिला में जिग जैक तकनीक की हिदायतों को पूर्ण करने वाले 87 ईंट भटठों को कार्य करने की अनुमति दी गई है, जिन पर लगभग 8100 मजदूर कार्य कर रहे हैं। जिला में मनरेगा के तहत 51 स्थलों पर दो हजार से ज्यादा मजदूर कार्य कर रहे हैं तथा 48 सरकारी निर्माण स्थलों पर लगभग 1400 मजदूर कार्य कर रहे हैं। निजी निर्माण कार्यों को अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है।

इंसिडेंट कमांडरों के हाथ में कमान

कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए लागू लॉकडाउन-3 के तहत शहर में बाजारों को व्यवस्थित तरीके से खोला गया है। संक्रमण को रोकने के लिए लोगों की गतिविधियों पर वीडियों एवं ड्रोन के माध्यम से निरंतर निगरानी की जा रही हैं। डयूटी मजिस्ट्रेट कम इंसिडैंट कमांडर जिला प्रशासन द्वारा जारी आदेशों की उल्लंघना करने वालों के विरूद्घ कानूनी कार्रवाई भी कर रहे हैं। जिला में जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है।

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