धान की फसल की खरीद न होने के चलते किसानों ने किया प्रदर्शन, लगाया बाहरी राज्यों की फसल खरीदने का आरोप
अधिकारियों व आढ़तियों के पास धान की खरीद बंद होने का कोई ठोस कारण नहीं है। वहीं मार्किट कमेटी की ओर से धान की आवक पूरी हो जाने की बात कही गई है

कस्बा बराड़ा की अनाज मंडी में बुधवार को धान बेचने आए किसानों ने धान की ब्रिकी न होने के कारण प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। किसानों ने आरोप लगाया कि अनाज मंडी में धान की फसल पिछले कई दिनों से नहीं बिक रही है। बता दें कि 25 अक्तूबर से धान की ब्रिकी बंद पड़ी है। केवल 27 अक्तूबर दीवाली वाले दिन ब्रिकी हुई थी। लेकिन उसके बाद से ही धान की ब्रिकी नहीं हुई जिससे किसान परेशान है।
अनाज मंडी धान की फसल से अटी पड़ी है। अधिकारियों व आढ़तियों के पास धान की खरीद बंद होने का कोई ठोस कारण नहीं है। वहीं मार्किट कमेटी की ओर से धान की आवक पूरी हो जाने की बात कही गई है लेकिन प्रदर्शन कर रहे किसानों अमरीक सिंह, जितेन्द्र, नरेश, राजिन्द्र, धर्मपाल व दवेन्द्र सिंह आदि ने कहा कि मंडी में बाहरी राज्यों का धान आया है। जिस कारण स्थानीय किसानों का धान नहीं बिक पा रहा है। ऐसे में किसान अपनी धान की फसल की ब्रिकी न होने के कारण परेशान है।
रोजाना सैकड़ों किसान हजारों क्विंटल धान लेकर मंडियों में पहुंच रहे है। मंडियों के शेड, फड़ व गेट धान से अटे पड़े हैं। हर पल मौसम के तेवर बदलने से मंडी में खुले में पड़े धान व खेत में खड़े तथा पड़े धान को लेकर किसान की चिंता बढ़ना स्वभाविक है। धान की सरकारी खरीद अचानक बंद होने से आर्थिक संकट में घिरे किसानों में रोष बढ़ रहा है। जिससे क्षेत्र के किसान लामबंद होने लगे हैं तथा बड़े आंदोलन के लिए विवश हो रहे हैं।
पौने दस लाख क्विंटल धान की आवक हुई
25 अक्तूबर तक अनाज मंडी बराड़ा में पौने दस लाख क्विंटल धान की आवक हुई है। लेकिन इसके बाद भी मंडी में धान की आवक जारी है। लेकिन धान की ब्रिकी न होने के कारण किसान परेशान है। धान की पुन: खरीद कब होगी। किसानों के इस सवाल का जवाब किसी भी अधिकारी के पास नहीं है।
किसी को मंडी में फसल बेचने की मनाही नहीं
मार्केट कमेटी बराड़ा के सचिव दयाला राम ने कहा कि मंडी में धान की ब्रिकी बंद है। इस बारे में कोई आदेश प्राप्त नहीं हुए है कि खरीद को बंद क्यों किया गया है। जल्द ही खरीद शुरू होने के आसार है। रही यूपी व अन्य रा यों की धान की फसल बेचने की बात तो कोई भी व्यक्ति चाहे व किसी भी राज्य का निवासी हो अपनी फसल मंडी में बेच सकता है। इसके लिए अलग से अन्य राज्यों की फसल का रिकार्ड तैयार किया जाता है। इसमें कुुछ भी गलत नहीं है। मुलाना हल्का के विधायक वरूण चौधरी ने कहा कि किसानों की फसल की खरीद न हो पाना भाजपा सरकार की नाकामी है। मंडी में अगर बाहरी रा यों से धान की फसल आ रही है तो सरकार को चाहिए वहां की मंडियों में भी वैसी व्यवस्था की जाए जैसी यहां पर है। ताकि अन्य राज्यो के किसानों को यहां आकर अपनी फसल न बेचने को मजबूर होना पड़े। सरकार को स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने की दिशा में काम करना चाहिए ताकि किसानों की समस्या को दूर किया जा सके।
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