गुजराती व्यापारी के बेटे के अपहरण के बाद, बिहार का राजनीतिक पारा चढ़ा

गुजरात के सूरत के व्यवसायी हनीफ हिंगोरा के पुत्र मो. सोहैल हिंगोरा के अपहरण से जुड़े एक प्रश्न के उतर में नीतीश ने कहा कि ये खबर जब उन्होंने समाचार पत्र में पढ़ी थी, उसी दिन से पुलिस महानिदेशक को इस पर निगरानी रखने की हिदायत दी थी। उन्होंने कहा कि पुलिस से प्राप्त सूचना के अनुसार अपहृत की मुक्ति के बाद बिहार पुलिस को बताया गया कि बच्चे को जहां पर रखा गया था और जिस नम्बर पर फोन आते थे वह बच्चे ने याद कर लिया था, जिसके आधार पर मकान चिन्हित कर लिया गया है और कार्रवाई हो रही है।
नीतीश ने कहा कि गुजरात से जो बातें मीडिया के माध्यम से आ रही है उस पर पुलिस महानिदेशक को उन्होंने कहा है कि मामले की तह तक जाइये। साक्ष्य आ जाते हैं तो पूरी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसको लेकर जो भी चर्चाएं हो रही हैं या किसी के पास कोई जानकारी है तो वह उपलब्ध कराए, दोषी चाहे कोई भी हो या कितना भी बड़ा क्यों न हो उस पर कार्रवाई होगी। नीतीश ने कहा कि पूरी तहकीकात की जा रही है इसमें दोषी पाए जाने वालों के गर्दन तक कानून का हाथ पहुंचेगा।
उल्लेखनीय है कि पिछले 17 दिसंबर को बिहार के अपर पुलिस महानिदेशक मुख्यालय रवींद्र कुमार ने कहा था कि सूरत के व्यवसायी मो. सोहैल हिंगोरा के अपहरण कांड के संबंध में दमन पुलिस द्वारा अपrत के रिहायी के उपरांत बिहार के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) से संपर्क किया गया था। उन्होंने बताया कि अपrत के परिजनों द्वारा फिरौती की रकम सारण जिला मुख्यालय छपरा में अपहरणकर्ताओं को सौंपे जाने की बात कही गयी थी जिसके बाद बिहार राज्य का संबंध इस अपराध से प्रकाश में आया था। अपrत से दमन पुलिस द्वारा पूछताछ की गयी। अपहृत द्वारा दी गयी सूचना के आधार पर यह स्पष्ट हुआ कि अपहरण के बाद दमन से सीधा छपरा बिहार लाया गया था। उसे अपहरण की पूरी अवधि (30 दिन) में अधिकांश दिन (25 दिन) एक ही घर में रखा गया। उन्होंने कहा कि एसटीएफ ने उक्त घर की पहचान एवं उस घर में रहनेवाले अभियुक्त रंजीत सिंह की पहचान कर उसकी गिरफ्तारी में दमन पुलिस टीम की मदद की थी।
कांड का अनुसंधान दमन पुलिस द्वारा किया जा रहा है। प्राप्त सूचनानुसार गुजरात पुलिस इस कांड के अनुसंधान में शामिल नहीं थी। अभियुक्त रंजीत सिंह के पिता झारखंड पुलिस में कनिष्ठ पदाधिकारी है। उसका भाई दीपक सिंह इस कांड में शामिल आपराधिक गिरोह का प्रमुख सदस्य है। इस गिरोह के अन्य सदस्य अब तक पूर्ण रूप से चिन्हित नहीं हुए हैं, लेकिन आशंका है कि वे बिहार, झारखंड एवं संभवत: उत्तर प्रदेश तथा गुजरात से जुड़े हैं। बिहार में ऐसे किसी अपहरण कांड व गिरोह को रोकने के उददेश्य एवं उनकी गिरफ्तारी के लिए आगे कार्रवाई की जा रही है।
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