गूगल तैयार कर रहा है खुद उड़ने वाला ड्रोन, अब तेजी से पहुंचेगा लोगों तक सामान

गूगल ने अपने ड्रोन बिजनेस को प्रोजेक्ट विंग नाम दिया है। हालांकि गूगल को उम्मीद है कि ड्रोन के बेड़े को पूरी तरह से तैयार होने में कई साल लगेंगे। गूगल का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया में ड्रोन ने टेस्ट फ्लाइट्स में फस्र्ट एड किट, चॉकलेट और दो किसानों को पानी पहुंचाया। हवाई प्रौद्योगिकी में महारत हासिल करने के साथ ही गूगल और अमेजन को कई देशों में व्यावसायिक रूप से ड्रोन उड़ाने के लिए सरकारी इजाजत चाहिए होगी। अमेरिकी कंपनी अमेजन ने देश के संघीय उड्डयन प्रशासन से ड्रोन परीक्षण के विस्तार की इजाजत मांगी थी, प्रशासन फिलहाल शौकिया ड्रोन उड़ाने वालों और मॉडल एयरक्राफ्ट बनाने वाले को ड्रोन उड़ाने की इजाजत देता है लेकिन व्यावसायिक इस्तेमाल पर ज्यादातर प्रतिबंध ही है।
प्रोजेक्ट विंग गूगल की एक्स लैब से निकलने वाला सबसे ताजा प्रोजेक्ट है। इसी लैब से बिना स्टीयरिंग वाली कार भी निकली है। यही नहीं इसी लैब में गूगल ग्लास भी तैयार हुआ है। फिर भी समय समय पर निजता के हनन पर गूगल ग्लास आलोचना झेलता रहा है। ड्रोनों की मदद से गूगल अपनी वर्तमान सेवा को विस्तार दे सकता है। इनके जरिए ऑनलाइन चीजें खरीदने वालों को ऑर्डर के ही दिन माल मिल जाएगा। गूगल अभी भी सैन फ्रांसिस्को, लॉस एंजिलिस के और न्यूयॉर्क के कुछ हिस्सों में कारों के जरिए उसी दिन माल पहुंचाने की सेवा मुहैया करवा रहा है।
नीचे की स्लाइड्स में पढ़िए, गूगल ड्रोन के तैयार होने से क्या होगा फायदा-
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