रुपाली गांगुली ने बांग्लादेश की आलोचना की: सत्यजीत रे का पैतृक आवास गिराए जाने पर निकाली भड़ास

रुपाली गांगुली ने दिग्गज फिल्मकार सत्यजीत रे का पैतृक आवास गिराने के लिए बांग्लादेश की आलोचना की
Satyajit Ray’s ancestral home Bangladesh: लोकप्रिय टीवी शो अनुपमा की लीड एक्ट्रेस रूपाली गांगुली ने बांग्लादेश की आलोचना की है। उन्होंने बांग्लादेश में भारतरत्न फिल्ममेकर सत्यजीत रे के पैतृक घर को ढहाए जाने पर भड़ास निकाली जताया। रुपाली ने इस घटना को 'घिनौना' और शर्मनाक बताते हुए सोशल मीडिया पर अपनी भावनाएं व्यक्त कीं।
रूपाली गांगुली ने एक्स पर अपने पोस्ट में बांग्लादेश सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा- "बहुत घटिया कृत्य! भारत रत्न सत्यजीत रे का पैतृक घर तोड़ दिया। यह सिर्फ एक इमारत नहीं थी, यह एक विरासत थी। ये लोग कला से डरते हैं, विरासत को मिटा देते हैं और हिंसा को बढ़ावा देते हैं। ये हरकतें उनके असली चेहरे को उजागर करती हैं।"
Disgusting and unforgivable!
— Rupali Ganguly (@TheRupali) July 16, 2025
Under the so-called "moral leadership" of Muhammad Yunus, Bangladesh has demolished the ancestral home of Bharat Ratna Satyajit Ray in Bangladesh.
This wasn’t just a demolition! it was a message: They fear art. They erase legacy. They glorify… pic.twitter.com/pNowQyx6zW
सत्यजीत रे का पैतृक आवास ढहाया गया
सत्यजीत रे के बांग्लादेश में मायमेनसिंह स्थित पैतृक आवास को ढहाए जाने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं। भारत सहित दुनिया भर में उनके चाहने वाले और सांस्कृतिक प्रेमियों ने इस कृत्य की कड़ी आलोचना की है। भारत सरकार ने भी इसपर प्रतिक्रिया देते हुए इसे “दुर्भाग्यपूर्ण” बताया।भारत के विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश सरकार को इस धरोहर को संग्रहालय के रूप में पुनर्निर्माण करने का सुझाव दिया है और इसके लिए हर संभव मदद देने की पेशकश की है।
क्यों खास था यह घर?
यह मकान कभी सत्यजीत रे के दादा और प्रसिद्ध साहित्यकार उपेन्द्रकिशोर राय चौधरी का था। सालों बाद यह ढांचे के रूप में जर्जर हो गया था जिसे ढहा दिया गया। अब खबरों के अनुसार, वहां नई सरकारी इमारत बनाने की योजना है।
कौन थे सत्यजीत रे?
फिल्मकार सत्यजीत रे को 1992 में ऑस्कर का मानद पुरस्कार मिला था। वह भारतीय सिनेमा के सबसे प्रतिष्ठित निर्देशकों में गिने जाते हैं। 'पाथेर पांचाली', 'अपुर त्रयी', 'शोणार केल्ला', 'प्रतिद्वन्दी' जैसी फिल्मों के ज़रिए उन्होंने भारतीय सिनेमा को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई।
