पद्म विभूषण पंडित छन्नुलाल मिश्रा का निधन: 89 की उम्र में ली अंतिम सांस; पीएम मोदी ने जताया दुख

classical singer Pandit Chhannulal Mishra passes away
प्रख्यात शास्त्रीय गायक और पद्म विभूषण से सम्मानित पंडित छन्नुलाल मिश्रा का गुरुवार (2 अक्बटूबर) को उनके आवास मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश में निधन हो गया। 89 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली। लंबे वक्त से अस्वस्थ चल रहे पंडित मिश्रा को पिछले सप्ताह दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद उन्हें मिर्जापुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
उनकी छोटी बेटी डॉ. नम्रता मिश्रा ने बताया कि पंडित छन्नुलाल मिश्र की तबीयत बुधवार (1 अक्टूबर) देर रात बिगड़ गई थी। जिसके चलते उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने सुबह करीब 4:30 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस दुखद अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गहरी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
पीएम मोदी ने पंडित छन्नुलाल मिश्रा के निधन पर जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा, “प्रख्यात शास्त्रीय गायक पंडित छन्नुलाल मिश्रा के निधन से मैं अत्यंत दुखी हूं। उन्होंने अपने पूरे जीवन को भारतीय कला और संस्कृति के संवर्धन के लिए समर्पित किया। उन्होंने शास्त्रीय संगीत को लोकप्रिय बनाने और भारतीय परंपराओं को विश्व मंच पर स्थापित करने में अमूल्य योगदान दिया। मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे हमेशा उनका स्नेह और आशीर्वाद प्राप्त होता रहा। 2014 में वे मेरे लिए वाराणसी संसदीय सीट के प्रस्तावक भी थे। इस दुख की घड़ी में मैं उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। ॐ शांति।”
सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। वे जीवनपर्यंत भारतीय कला और संस्कृति की समृद्धि के लिए समर्पित रहे। उन्होंने शास्त्रीय संगीत को जन-जन तक पहुंचाने के साथ ही भारतीय परंपरा को विश्व पटल पर प्रतिष्ठित करने में भी अपना अमूल्य योगदान… pic.twitter.com/tw8jb5iXu7
— Narendra Modi (@narendramodi) October 2, 2025
कौन थे पंडित छन्नुलाल मिश्रा?
पंडित छन्नुलाल मिश्रा का जन्म 3 अगस्त 1936 को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के हरिपुर गांव में हुआ था। उन्होंने प्रारंभिक संगीत शिक्षा अपने पिता से प्राप्त की और बाद में वाराणसी में औपचारिक संगीत शिक्षा हासिल की। वहां उन्होंने किराना घराने के प्रसिद्ध उस्ताद अब्दुल गनी खान से संगीत की गहन शिक्षा प्राप्त की।
पंडित मिश्रा अपनी गायकी की शैली, खासकर शास्त्रीय खयाल और पूर्व अंग ठुमरी के लिए प्रसिद्ध थे, जो हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की एक उप-शैली है। उनकी प्रस्तुतियां भावपूर्ण और मधुरता से परिपूर्ण होती थीं, जिसने उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाई। उन्हें पूर्व अंग ठुमरी के प्रमुख कलाकारों में गिना जाता है और उन्होंने कई संगीत एल्बम भी जारी किए।
उन्हें उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, नौशाद पुरस्कार, और यश भारती पुरस्कार से नवाजा गया। उन्हें 2010 में पद्म भूषण और 2020 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। वे संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप के भी प्राप्तकर्ता थे।
