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Pratibha Singh Baghel : मशहूर सिंगर प्रतिभा सिंह बघेल जो एक निजी कार्यक्रम में शिरकत करने भोपाल आईं। इस दौरान उन्होंने अपनी जिंदगी से जुड़े कुछ किस्सों पर चर्चा की है।

भोपाल : बॉलीवुड की चर्चित फिल्मों में अपनी आवाज से जादू बिखेरने वाली कलाकारों में से एक है प्रतिभा सिंह बघेल। भोपाल आईं प्रतिभा सिंह बघेल ने हरिभूमि के साथ खास बातचीत में अपनी जिंदगी से जुड़े कुछ किस्सों को बताया है, उन्होंने कहा कि, मैं रियलिटी शोज देखती हूं इतने छोटे-छोटे बच्चे जिनके भीतर ईश्वर की दी हुई प्रतिभा छिपी है फिर वह डांसिंग हो या एक्टिंग इन क्षेत्रों में रियलिटी शोज के माध्यम से आगे आते हैं और फिर कहीं खो जाते हैं या कई बार यह भी देखा गया है कि बच्चे अपनी मासूमियत छोड़कर सिर्फ अभिनय या गायन के माध्यम से पैसा कमाने में जुड़ जाते हैं तो उनके पैरेंट्स से यही निवेदन है कि बच्चों की मासूमियत को खोने न दें, वह अपने शौक के लिए काम करें तो ठीक है लेकिन पैसे कमाने का जरिया बच्चों को न बनाएं। बता दें, प्रतिभा सिंह बघेल ने हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया, जिद, मणिकर्णिका जैसी फिल्मों में अपनी आवाज का जादू बिखेर चुकी की है।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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कलाकारों को मिलता है सबका प्यार
उन्होंने कहा कि मैं राजनीति में शायद ही जाऊं क्योंकि कलाकारों को सबका प्यार मिलता है लेकिन राजनीतिज्ञों की कई बार अपमान का भी सामना करना पड़ता है, इसलिए मुझे नहीं लगता कि मैं इस क्षेत्र में कदम रखूंगी।

सिचुएशनल रिलेशनशिप का ट्रेंड देखने को मिला
प्रतिभा ने कहा कि आजकल सिचुएशनल रिलेशनशिप का ट्रेंड देखने को मिला है, जिसमें किसी एक सिचुएशनल में आप एक साथ है, लेकिन कुछ ही देर बाद एक दूसरे से यह नहीं पूछ सकते कि आप कहां है या यूं कहें कि एक दूसरे के जीवन में इंटरफेयर नहीं कर सकते। ऐसे संबंधों का अस्तित्व ज्यादा समय तक नहीं टिकता। 

मेरी मां मुझे इंजीनियर बनाना चाहती थीं 
आगे प्रतिभा ने कहती है, कि गायिकी मुझे विरासत में मिली है, मेरे पिता जी पुलिस अधिकारी होने के साथ एक अच्छे गायक थे, चाचा जी शास्त्रीय गायक थे रोजाना 10 घंटे रियाज करते तो उन्हें सुनकर मुझे भी गाने का शौक हुआ और इस क्षेत्र में आगे बढ़ गई, मेरी मां मुझे इंजीनियर बनाना चाहती थीं लेकिन कहते हैं न डेस्टिनी आपको कहां पहुंचा दे।

Pratibha Singh Baghel mesmerises Guwahati | Northeast Live

गजल जज्बातों को जाहिर करने का खालिश तरीका है
प्रतिभा सिंह बघेल ने कहा कि मैंने तीन साल की उम्र से ही गाना शुरू कर दिया, जिसमें पहले शास्त्रीय संगीत सीखा और बाद में समय के साथ गजल की तरफ रुझान बढ़ता गया, गजल गीत की एक मजबूत कड़ी है, गजल के माध्यम से प्यार और दुख के एहसास को बहुत ही उम्दा तरीके से बयां किया जा सकता है, गजल जज्बातों को जाहिर करने का खालिश तरीका है।

मुंबई मेरे लिए सिटी ऑफ ड्रीम्स रहा है
मशहूर सिंगर प्रतिभा ने कहा कि रीवा से शुरू की गई शास्त्रीय संगीत यात्रा के करीब 16 साल पूरे हो गए हैं और अब गजल की दुनिया में मुकाम बना रही हूं, वाकई में मुंबई मेरे लिए सिटी आॅफ ड्रीम्स रहा है, मुंबई ने दिल खोल कर प्यार दिया और बहुत कुछ सिखाया।

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