Pratik Gandhi: बायोग्राफी मूवी ज्यादा चैलेंजिंग, फुले का किरदार जीवंत; एक्टर प्रतीक गांधी ने साझा किए अनुभव

Actor Pratik Gandhi Interview: बायोग्राफी मूवीज में एक अलग तरह का चैलेंज होता है। जिस व्यक्ति पर हम फिल्म बना रहे हैं, उसके बारे में बहुत-सी बातें पहले से पता होती हैं। यह कहना है एक्टर प्रतीक गांधी का। बुधवार को हरिभूमि से खास बातचीत में प्रतीक गांधी ने बताया कि बायोग्राफी बनाना ज्यादा चैलेंजिंग है। इनमें अधिक क्रिएटिविटी दिखानी होती है। ताकि, किरदार रियल लगे।
बॉलीवुड एक्टर प्रतीक गांधी बुधवार (6 मई) अपनी फिल्म फुले के प्रमोशन के लिए भोपाल आए थे। इस दौरान हरिभूमि को दिए विशेष इंटरव्यू में उन्होंने अपनी संघर्ष यात्रा साझा की। कहा, एक्टिंग का शौक बचपन से था। फिल्मों के लिए मैंने कॉर्पोरेट जॉब में प्रमोशन और ट्रांसफर के महत्वपूर्ण मौके छोड़े। महात्मा ज्योतिराव फुले का किरदार काफी जीवंत है।
फुले का किरदार समझकर जीवंत किया
एक्टर प्रतीक गांधी ने बताया कि ज्योतिराव फुले का किरदार हो या फिर महात्मा गांधी का। मैंने दोनों में भरपूर कोशिश की है। ज्योतिराव फुले जी का किरदार इसलिए थोड़ा हटकर लगा, क्योंकि उनकी वीडियो-फोटोज ज्यादा उपलब्ध नहीं थीं। उनके बारे में जितना पढ़ा, उसी समझ के साथ उनके किरदार को जीवंत किया है।
युवा कलाकारों को दिए टिप्स
अभिनेता प्रतीक गांधी ने एक्टिंग में कैरियर की चाहत रखने वाले युवाओं को संदेश दिया। कहा, मुझसे जब भी कोई एक्टर बनने और मुंबई आने की बात कहता है। मैं उसे यही सलाह देता हूं कि मुंबई आओ तो एक्टिंग के अलावा दो-तीन टैलेंट साथ लेकर आओ। ताकि, मुंबई में सरवाइव कर सको। क्योंकि काम मिले न मिले मुंबई में टिके रहना जरूरी है।
कॉर्पोरेट जॉब में प्रमोशन छोड़े
एक्टर प्रतीक गांधी एक्टिंग से पहले कॉर्पोरेट जॉब करते थे। उन्होंने बताया कि 2004 में सूरत से मुंबई आया था। इंजीनियर कर रखी थी, लिहाजा फ्रीलांस कंसल्टेंसी करने लगा। 2016 में कुछ गुजराती फिल्में की। जिसके बाद हिंदी फिल्मों में छोटे-मोटे रोल मिलने लगे। थियेटर पहले से कर रहा था। इसिलए टाइम मैनेज करने में समस्या होने लगी।
रिपोर्ट: मधुरिमा राजपाल
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