Metro In Dino X Review: अनुराग बसु की ‘मेट्रो... इन दिनों’ रिलीज, कहानी और संगीत ने छुआ दिल; जानें दर्शकों की प्रतिक्रिया

अनुराग बसु की ‘मेट्रो... इन दिनों’ रिलीज, कहानी और संगीत ने छुआ दिल; जानें दर्शकों की प्रतिक्रिया
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अनुराग बसु की म्यूजिकल लव स्टोरी ‘मेट्रो इन डिनो’ आज सिनेमाघरों में रिलीज़ हो गई है। आइए जानते फिल्म को देख दर्शकों ने क्या कहा।

Metro In Dino X Review: बॉलीवुड के जाने-माने निर्देशक अनुराग बसु की नई फिल्म ‘मेट्रो इन डिनो’ आज यानी 4 जुलाई को रिलीज़ हो गई है। यह फिल्म 2007 में आई 'लाइफ इन ए मेट्रो' का आध्यात्मिक सीक्वल मानी जा रही है, जिसमें इस बार नए जमाने के रिश्तों की उलझनों और खूबसूरती को म्यूजिकल टच के साथ परोसा गया है।

सोशल मीडिया पर मिला शानदार रिस्पॉन्स

फिल्म के रिलीज होते ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दर्शकों के रिस्पॉन्स आने शुरू हो गए। एक यूजर ने एक्स पर लिखा, “'मेट्रो...इन दिनों' एक दिल को छू लेने वाली और बेहतरीन तरीके से शूट की गई फिल्म है, जो एक बड़े शहर में अलग-अलग लोगों और उनके रिश्तों के बारे में है। यह लाइफ इन ए...मेट्रो का सीक्वल है, और इसमें वही भावनात्मक वाइब है।

प्रीतम का संगीत वाकई अच्छा है और फिल्म में एक अच्छा एहसास जोड़ता है। अभिनय हर तरफ से दमदार है, अनुपम खेर, पंकज त्रिपाठी, नीना गुप्ता, कोंकणा सेन शर्मा और फातिमा सना शेख वाकई अलग हैं वे बेहतरीन थे।"

दूसरे यूजर ने लिखा कि 'मेट्रो इन दिनों' इसे किसी ऐसे व्यक्ति के साथ देखें जिसे आप प्यार करते हैं, या जिसे आप फिर से प्यार करना सीख रहे हैं। शायद सिर्फ़ अपने आप के साथ भी। लेकिन जाइए, क्योंकि कभी-कभी, ऐसी फ़िल्म हमें याद दिलाती है, आपको एक ही व्यक्ति से बार-बार प्यार करने की ज़रूरत है।

फिल्म के बारे में

यह एक एंथोलॉजी फिल्म है, जिसमें अलग-अलग उम्र और हालात में लोगों के रिश्तों को दिखाया गया है। कोई अपने पुराने प्यार से दोबारा जुड़ रहा है, कोई शादी के सालों बाद फिर से एक-दूसरे के करीब आ रहा है और कोई यह तय करने की कोशिश कर रहा है कि ज़िंदगी में ज़रूरी क्या है, प्यार या करियर।

फिल्म में सारा अली खान, आदित्य रॉय कपूर, पंकज त्रिपाठी, नीना गुप्ता, अनुपम खेर, फातिमा सना शेख, कोंकणा सेन शर्मा और अली फजल जैसे टैलेंटेड कलाकार नजर आ रहे हैं।

फिल्म की खासियत बना संगीत

जैसा कि अनुराग बसु की फिल्मों में अक्सर होता है, यहां भी म्यूजिक कहानी का हिस्सा नहीं, बल्कि कहानी ही बन गया है। प्रीतम का म्यूजिक और गानों के ज़रिए किरदारों की भावनाएं इतनी खूबसूरती से सामने आती हैं कि कई बार डायलॉग की ज़रूरत ही नहीं पड़ती।

फिल्म की शुरुआत थोड़ी धीमी हो सकती है, क्योंकि कई किरदार एक साथ सामने आते हैं, लेकिन जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है, ये किरदार और उनकी कहानियां दिल में उतरने लगती हैं।



काजल सोम

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