Miss Universe 2025: मनिका़ विश्वकर्मा का गोल्डन राष्ट्रीय परिधान, बुद्ध ट्रेडिशन को किया समर्पित

मनिका़ विश्वकर्मा का गोल्डन लुक (Image: missuniverseindiaorg)
Miss Universe 2025: इस बार इंटरनेशनल मंच पर ऐसा दृश्य देखने को मिला, जो केवल आंखों को नहीं, आत्मा को भी छू गया है। मिस इंडिया 2025 में मनिका़ विश्वकर्मा का स्वर्णिम राष्ट्रीय परिधान भी ऐसा ही लग रहा था। जब उन्होंने राष्ट्रीय परिधान समारोह के दौरान मंच पर कदम रखा, तो दर्शक कुछ क्षणों के लिए थम से गए। उनका पूरा रूप मानो स्वर्णिम लग रहा था।
भारतीय संस्कृति और भव्यता का अद्भुत संगम
मनिका़ का यह परिधान केवल सौंदर्य का प्रदर्शन नहीं था, बल्कि भारत की आध्यात्मिक विरासत को एक शानदार श्रद्धांजलि थी। ये परिधान स्वर्णिम रंगों से निखार ला रहा था। साथ ही उनका परिधान परंपरा और आधुनिक शिल्पकला का अनूठा मेल था। स्वर्णिम वस्त्र की चमक मंच की रोशनी को प्रतिबिंबित कर एक मनमोहक दृश्य रच रही थी।
बुद्ध ज्ञान के पवित्र क्षण को समर्पित
इस परिधान की सबसे विशेष बात यह थी कि यह बौद्ध धर्म के उस पवित्र क्षण से प्रेरित था। मैनिका़ के इस अवतार का उद्देश्य केवल सौंदर्य दिखाना नहीं था, बल्कि उस आध्यात्मिक शक्ति और प्रकाश का सम्मान करना था ,जिसने पूरी दुनिया को शांति और करुणा का मार्ग दिखाया।
परिधान के हर हिस्से में इस पवित्र क्षण झलक रहा था। इतना ही नहीं वस्त्रों के स्वर्णिम और केसरिया रंग ज्ञान और पवित्रता के प्रतीक थे। इस गोल्डन ड्रेस में प्राचीन मंदिरों को बनाया गया था। इस प्रकार यह परिधान मात्र परिधान नहीं, बल्कि इतिहास और आध्यात्मिकता की जीवंत झलक बन गया।
दिव्यता और शक्ति का प्रतीक
मुकुट की ऊंचाई और चौड़ाई ने मैनिका़ ने बिल्कुल राजसी प्रदान की। मंच पर चलते समय उनकी छवि ऐसी प्रतीत हो रही थी जैसे कोई देवी ज्ञान फैलाने को उतरी हो। पूरे परिधान में स्वर्ण और केसरिया रंग न केवल देखने में भव्य थे, बल्कि उनका आध्यात्मिक महत्व भी गहरा था।
भारतीय विरासत को वैश्विक मंच पर सम्मान
मनिका़ विश्वकर्मा ने इस परिधान के माध्यम से न केवल भारतीय बौद्ध संस्कृति को प्रदर्शित किया, बल्कि दुनिया को यह संदेश भी दिया कि भारत अध्यात्म, ज्ञान और शांति की भूमि है। इसके साथ सांस्कृतिक समृद्धि, आध्यात्मिक मूल्यों की गहराई, कला और परंपरा का सौंदर्य, सबकुछ एकसाथ देखने को मिला। हर कदम के साथ मैनिका़ मानो अपनी संस्कृति का इतिहास मंच पर उकेर रही थीं।
मिस इंडिया 2025 में मनिका़ विश्वकर्मा का यह स्वर्णिम राष्ट्रीय परिधान केवल एक फैशन प्रस्तुति नहीं था, बल्कि भारतीय आध्यात्मिक विरासत का उत्सव था। बुद्ध ज्ञान, मंदिर और पवित्र बोधि वृक्ष की स्मृतियों को समर्पित यह रूप मंच पर एक पवित्र आलोक की तरह चमक रहा था। मनिका़ ने यह सिद्ध कर दिया कि राष्ट्रीय परिधान सिर्फ वस्त्र नहीं होते, वे संस्कृति, इतिहास और आत्मा को दुनिया के सामने रखने का माध्यम होते हैं। उनका यह रूप आने वाले समय में राष्ट्रीय परिधानों के इतिहास में अवश्य याद किया जाएगा।
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