जावेद अख्तर ने पाकिस्तानी एक्ट्रेस बुशरा अंसारी पर कसा तंज: बोले-'मैं और शबाना सड़कों पर सोते हैं', पाकिस्तान को भी दिखाया आइना

Javed Akhtar: हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद जब मशहूर लेखक और गीतकार जावेद अख्तर ने पाकिस्तान पर सख्त कार्रवाई की बात कही, तो इस पर पाकिस्तानी अभिनेत्री बुशरा अंसारी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने न केवल जावेद अख्तर की आलोचना की, बल्कि उनकी निजी जिंदगी पर भी तंज कसते हुए कहा कि उन्हें मुंबई में किराए पर घर तक नहीं मिलता। अब जावेद अख्तर ने इस पूरे विवाद पर खुलकर अपनी बात रखी है और बुशरा अंसारी को करारा जवाब दिया है।
हाल ही में एक मीडिया संस्थान को दिए एक इंटरव्यू में जावेद अख्तर ने कहा, "एक पाकिस्तानी अभिनेत्री हैं बुशरा अंसारी, उन्होंने गुस्से में मुझे एक मशवरा दिया कि आप खामोश क्यों नहीं रहते, आपको बोलने की जरूरत नहीं है। मेरा उनसे सवाल है कि आप कौन होती हैं मुझे ये बताने वाली कि मैं कब बोलूं और कब नहीं?" दरअसल, पाकिस्तानी टीवी एक्ट्रेस बुशरा अंसारी अक्सर जावेद अख्तर पर टिप्पणियां करती रहती हैं। उन्होंने यह तक कहा था कि नसीरुद्दीन शाह चुप रहते हैं, तो आपको भी चुप रहना चाहिए।
आगे जावेद अख्तर ने कहा कि भारत में चाहे जितनी भी समस्याएं हों, लेकिन जब कोई बाहरी देश टिप्पणी करता है, तो वह एक भारतीय नागरिक के तौर पर जवाब देना अपना अधिकार समझते हैं।
बुशरा अंसारी के बयान पर व्यंग्य
बुशरा अंसारी ने जावेद अख्तर को लेकर कहा था कि वह अपनी पहचान बनाने के लिए कुछ भी बोलते हैं, उन्हें मुंबई में किराए पर घर भी नहीं मिलता। इस पर जावेद अख्तर ने व्यंग्यात्मक हंसी के साथ कहा, "हां, बिल्कुल, शबाना और मैं आजकल सड़क पर सो रहे हैं।"
इसके बाद उन्होंने एक पुरानी घटना को याद किया, जब करीब 20-25 साल पहले उनकी पत्नी शबाना आज़मी एक फ्लैट खरीदना चाहती थीं। लेकिन ब्रोकर ने यह कहकर मना कर दिया कि मालिक किसी मुसलमान को घर नहीं बेचेगा।
जावेद अख्तर ने कहा, "उस मकान मालिक के माता-पिता सिंध (अब पाकिस्तान) से भगा दिए गए थे। इसलिए वो किसी मुस्लिम को घर नहीं देना चाहते थे।"
भारत-पाक सुलह अब शायद मुमकिन नहीं
फेयरवेल कराची पुस्तक के विमोचन के मौके पर जावेद अख्तर ने कहा कि अब भारत और पाकिस्तान के बीच हालात सुधरने की संभावना बहुत कम है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों की सरकारों को 1950 के दशक में शरणार्थियों को एक मंच पर लाकर सच्चाई साझा करने का मौका देना चाहिए था, ताकि समझ बनती। आज 75 साल हो गए। अब वे लोग 90 की उम्र में होंगे। कितने लोग बचे भी होंगे जो अपनी कहानी सुना सकें।
उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के सत्य और सुलह आयोग की मिसाल देते हुए कहा कि ऐसा ही कुछ भारत-पाक के साथ भी होना चाहिए था।
भारत ने हमेशा संयम दिखाया
जावेद अख्तर ने कहा कि भारत ने हमेशा कूटनीतिक और सांस्कृतिक रिश्तों को बेहतर बनाने की कोशिश की, लेकिन पाकिस्तान ने वही स्तर नहीं दिखाया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में सेना, राजनीतिक प्रतिष्ठान और चरमपंथी ताकतें नहीं चाहतीं कि भारत से रिश्ते बेहतर हों।
पाकिस्तानी सेना के पास एक देश है। जबकि भारत में सेना पेशेवर है और राजनीति से दूर रहती है। उन्होंने माना कि भारत भी निर्दोष नहीं है, लेकिन सरकारी स्तर पर भारत की नीति ज्यादा शालीन और शांतिपूर्ण रही है।
पहलगाम आतंकी हमले पर भी की बात
22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें ज्यादातर पर्यटक थे। इसके जवाब में भारतीय सेना ने 7 मई को ‘ऑपentrरेशन सिंदूर’ के तहत पीओके में 9 आतंकी कैंप तबाह किए। इसी के बाद जावेद अख्तर ने पाकिस्तान पर सख्त रुख अपनाने की बात की थी, जिससे पूरा विवाद शुरू हुआ।
