Vikram Sugumaran: तमिल निर्देशक विक्रम सुगुमारन का 47 साल की उम्र में निधन, बस में दिल का दौरा पड़ने से हुई मौत

Vikram Sugumaran Passed Away: तमिल फिल्म इंडस्ट्री से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। जाने-माने फिल्म निर्माता और निर्देशक विक्रम सुगुमारन का सोमवार 2 जून को निधन हो गया। विक्रम की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है। इस दौरान वे महज 47 साल के थे। उनके असमय निधन न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरी तमिल फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक गहरी क्षति है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विक्रम बस से मदुरै से चेन्नई जा रहे थे। उसी दौरान उन्हें सीने में तेज दर्द महसूस हुआ, जिसके बाद उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद डॉक्टर उन्हें नहीं बचा सके। इस खबर से तमिल फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके करीबी दोस्तों और सहयोगियों ने सोशल मीडिया पर भावुक श्रद्धांजलि अर्पित की है।
A filmmaker who dreamed beyond frames, but left us too soon. Gone with countless stories untold. May your soul rest in peace Vikram Sugumaran sir #RIPVikramSugumaran pic.twitter.com/XujaPC0LbG
— Justin Prabhakaran (@justin_tunes) June 2, 2025
#Rip dearest brother @VikramSugumara3
— Shanthnu (@imKBRshanthnu) June 1, 2025
I’ve learnt so much from you & will always cherish every moment
Gone too soon
You will be missed #RIPVikramSugumaran pic.twitter.com/U78l3olCWI
अभिनेता शांतनु भाग्यराज और संगीतकार जस्टिन प्रभाकरन ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट के जरिए उन्हें श्रद्धांजलि दी।
A filmmaker who dreamed beyond frames, but left us too soon. Gone with countless stories untold. May your soul rest in peace Vikram Sugumaran sir #RIPVikramSugumaran pic.twitter.com/XujaPC0LbG
— Justin Prabhakaran (@justin_tunes) June 2, 2025
विक्रम सुगुमारन का सफर
विक्रम सुगुमारन का जन्म तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले के परमकुडी में हुआ था। उन्हें बचपन से ही फिल्मों का जुनून था। इसी जुनून के चलते उन्होंने चेन्नई का रुख किया और दिग्गज फिल्म निर्देशक बालू महेंद्र के मार्गदर्शन में फिल्म निर्माण की बारीकियां सीखीं। एक सहायक के रूप में उन्होंने 1999-2000 के दौरान कई शॉर्ट फिल्मों में काम किया और ‘जूली गणपति’ जैसी परियोजनाओं से भी जुड़े रहे।
अभिनेता से निर्देशक तक का सफर
अपने करियर की शुरुआत उन्होंने एक अभिनेता के रूप में की थी। उन्हें पहली बार निर्देशक वेत्रिमारन की फिल्म ‘पोलाधवन’ में देखा गया, जिसके बाद वे ‘कोडीवीरन’ में भी नज़र आए। हालांकि, उनकी असली पहचान एक निर्देशक के रूप में बनी।
विक्रम ने 2013 में अपनी पहली निर्देशित फिल्म ‘माध यानाइक कूटम’ से धमाकेदार एंट्री की। यह फिल्म ग्रामीण तमिलनाडु की जिंदगी को बेहद यथार्थवादी और संवेदनशील तरीके से पेश करती है। दर्शकों और समीक्षकों ने इसे खूब सराहा।
विक्रम की आखिरी फिल्में
एक लंबे अंतराल के बाद, उन्होंने 2023 में अभिनेता शांतनु भाग्यराज के साथ ‘रावण कोट्टम’ के जरिए निर्देशन में वापसी की। हालांकि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर विशेष सफल नहीं रही, लेकिन उनके निर्देशन की गहराई एक बार फिर लोगों ने महसूस की। उनकी अंतिम निर्देशित फिल्म ‘थीरम बोरम’ थी, जिसकी कहानी पर्वतारोहण और साहसिक यात्रा पर केंद्रित थी। इस फिल्म के माध्यम से उन्होंने एक नई विषयवस्तु को छूने की कोशिश की थी, लेकिन अफसोस, वे अपने सिनेमा के और सपनों को साकार नहीं कर पाए।
