धर्मेन्द्र देओल का निधन: संस्कृति संचालक एन.पी. नामदेव ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि, बोले- 'एक युग का उजाला खो गया'

Dharmendra passes away
मधुरिमा राजपाल, भोपाल। अपनी नैसर्गिक अभिनय प्रतिभा से भावाभिव्यक्ति का प्रतिमान गढ़ने वाले सुविख्यात फिल्म अभिनेता धर्मेन्द्र देओल का 24 नवम्बर, 2025 को दुखद निधन हो गया है। एक ऐसा अभिनेता जिसकी चमक सात दशकों तक पीढ़ियों के हृदय में उजास बनकर बहती रही। धर्मेन्द्र केवल एक महान अभिनेता नहीं थे, वे भारतीय संस्कृति, संवेदना और सहज मानवीय रिश्तों के सशक्त प्रतीक थे। उनकी अभिनय यात्रा में ग्रामीण भारत की सुगंध भी थी और आधुनिकता की गरिमा भी इसलिए वे हर वर्ग, हर आयु, हर भावना के ‘ही-मैन’ ही नहीं बल्कि ‘ह्यूमन-मैन’ भी रहे।
धर्मेन्द्र द्वारा रचित सिनेमाई क्षण आज भी भारतीय संस्कृति के अमूल्य हिस्से हैं
महान अभिनेता धर्मेन्द्र देओल के निधन पर संचालक, संस्कृति एन.पी. नामदेव ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि इतने बड़े मुकाम पर पहुंचने के बाद भी धर्मेन्द्र का अपनापन, मुस्कान में नम्रता और व्यक्तित्व में सहजता एवं सरलता अद्भुत थी। उन्होंने अपने अभिनय के माध्यम से साहस, प्रेम, सरलता और सामाजिक नैतिकता के अनेक रंग हमारे समाज को सौंपे। उनके द्वारा रचित सिनेमाई क्षण आज भी भारतीय संस्कृति के अमूल्य हिस्से हैं। उनकी छवि एक कर्मशील कलाकार, एक अनुशासित नागरिक और एक स्नेहिल व्यक्तित्व की हमेशा प्रेरणा देती रहेगी।
संस्कृति संचालक नामदेव ने धर्मेन्द्र के निज निवास पर दिया किशोर कुमार सम्मान
मप्र संस्कृति विभाग द्वारा धर्मेन्द्र देओल को राष्ट्रीय किशोर कुमार सम्मान वर्ष-2022 से अलंकृत किया गया था। यह सम्मान संस्कृति विभाग की ओर से संचालक, संस्कृति द्वारा 18 मई, 2024 को उनके मुम्बई स्थित निवास पर प्रदान किया गया था। उन्होंने संचालक, संस्कृति से संवाद करते हुए सहर्ष यह कहा कि ‘मैं यह सम्मान प्राप्त कर भाव-विभोर हो गया हूं। मैं कृतज्ञ हूं मप्र शासन, संस्कृति विभाग के प्रति कि किशोर कुमार जैसे महान व्यक्तित्व के नाम से स्थापित यह राष्ट्रीय सम्मान मुझे प्रदान किया गया है। मैं शुक्रगुजार हूं अपने प्रशंसकों का, जिनका अनंत प्रेम मेरे साथ सदैव बना रहता है। मुझसे पहले जिन महान कलाकारों को यह सम्मान दिया जा चुका है उनमें कुछ मेरे गुरु के समान हैं, कुछ सम्मानीय हैं और कुछ मेरे साथी भी हैं, आज उनकी सूची में स्वयं का नाम देखकर मेरी प्रसन्नता का ठिकाना नहीं है।’
