Cannes 2025 में 'होमबाउंड' की गूंज: 9 मिनट की स्टैंडिंग ओवेशन के बाद पूरी टीम हुई भावुक; देखें Video

कान्स 2025 में फिल्म होमबाउंड का वर्ल्ड प्रीमियर हुआ।
Cannes 2025: भारतीय सिनेमा के लिए इस साल का कान्स फिल्म फेस्टिवल एक ऐतिहासिक लम्हा लेकर आया जब नीरज घायवान निर्देशित फिल्म 'होमबाउंड' का अनसर्टेन रिगार्ड सेक्शन में वर्ल्ड प्रीमियर हुआ। इस दौरान प्रीमियर के बाद फिल्म को 9 मिनट लंबी स्टैंडिंग ओवेशन मिली जो फिल्म की पूरी टीम के लिए एक भावुक पल था।
यह इस साल कान्स में प्रीमियर होने वाली एकमात्र भारतीय फीचर फिल्म रही। फिल्म की स्क्रीनिंग के बाद पूरे थिएटर में तालियों की गूंज सुनाई दी। इस अभूतपूर्व स्वागत से फिल्म की टीम बेहद भावुक हो उठी। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा। वीडियो में कलाकारों और निर्माताओं की आंखों में खुशी के आंसू और गर्व साफ झलक रहा है।
9 minutes of pure love & applause!🤌🏻
— Dharma Productions (@DharmaMovies) May 21, 2025
Team Homebound receiving all the appreciation at @Festival_Cannes! pic.twitter.com/QFlnw13810
एक वीडियो में ईशान खट्टर को मुस्कराते हुए देखा गया, जो अपने को-स्टार विशाल जेठवा को गले लगाते दिख रहे हैं। वहीं नीरज घायवान और करण जौहर एक-दूसरे को गले लगाते हैं। करण की आंखो में साफ खुशी के आंसू देखे जा सकते हैं। वहीं जान्हवी कपूर और अन्य टीम भी ग्रुप हग करती हुई इमोशनल हो जाती है।
करण जौहर की आंखों में आंसू
इस दौरान जब पूरी टीम एकजुट होकर इस सफलता का जश्न मना रही थी, वहीं निर्माता करण जौहर बैकग्राउंड में खड़े होकर अपनी आंखें पोंछते नज़र आए। दर्शकों के बीच बैठी जान्हवी की बहन खुशी कपूर और उनके बॉयफ्रेंड शिखर पहाड़िया तालियों के साथ इस पल को सराहते नज़र आए। बैकग्राउंड में कई लोग "ब्रावो" कहते हुए भी सुनाई दे रहे हैं।
#KaranJohar, #IshaanKhatter, and #JanhviKapoor are overwhelmed as #Homebound earns a 9-minute standing ovation at #CannesFilmFestival2025.
— What The Fuss (@WhatTheFuss_) May 21, 2025
Directed by #NeerajGhaywan, renowned for #Masaan.pic.twitter.com/qPRtTDpRu2
क्या है 'होमबाउंड' की कहानी?
कान्स फिल्म फेस्टिवल की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, 'होमबाउंड' दो बचपन के दोस्तों की कहानी है, जो उत्तर भारत के एक छोटे से गांव से हैं। वे पुलिस की नौकरी पाने की कोशिश में जुटे हैं, जो उन्हें वह सम्मान दिला सकती है, जिससे वे अब तक वंचित रहे हैं। लेकिन जैसे-जैसे वे अपने लक्ष्य के करीब पहुंचते हैं, वैसी ही उनकी दोस्ती पर भी खतरा मंडराने लगता है।
