Saroja Devi Death: 'अभिनय सरस्वती' सरोजा देवी का निधन, 87 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस

'अभिनय सरस्वती' बी. सरोजा देवी का 87 साल की उम्र में निधन
B Saroja Devi Death: भारतीय सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री बी. सरोजा देवी का सोमवार को 87 साल की उम्र में निधन हो गया है। अभिनेत्री उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रही थीं। उन्होंने बेंगलुरु के मल्लेश्वरम स्थित अपने घर पर अंतिम सांस ली। इस खबर से फिल्म इंडस्ट्री शोक में है।
बी. सरोजा देवी ने 17 वर्ष की उम्र में साल 1955 में कन्नड़ फिल्म 'महाकवि कालिदास' से अपने करियर की शुरुआत की थी। इस फिल्म से उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली और यहीं से शुरू हुआ एक लंबा और गौरवशाली सफर।
उन्होंने अपने फिल्मी करियर में कन्नड़, तमिल, तेलुगु, हिंदी और सिंहली भाषा में 160 से भी अधिक फिल्मों में काम किया।
बता दें कि तमिल में उन्हें 'कन्नड़थु पिंगिली' और कन्नड़ में 'अभिनय सरस्वती' के नाम से सम्मानित किया गया। उनकी और एम.जी. रामचंद्रन (MGR) की जोड़ी को दर्शकों ने खूब पसंद किया। 'नादोदी मन्नन', 'एंगा वीटू पिल्लई', 'अंबे वा' जैसी फिल्मों में उनका अभिनय दर्शकों के दिलों पर खूब छाया।
दिग्गज कलाकारों ने दी श्रद्धांजलि
अभिनेता और राजनेता खुशबू सुंदर ने एक्स पर उन्हें याद करते हुए लिखा, "सुनहरे सिनेमा का एक युग समाप्त हो गया। सरोजा देवी अम्मा सर्वकालिक महानतम थीं। दक्षिण की किसी भी अन्य महिला कलाकार ने उनके जैसा नाम और प्रसिद्धि नहीं पाई। वह कितनी प्यारी और मनमोहक आत्मा थीं। उनके साथ मेरा बहुत अच्छा रिश्ता था। उनसे मिले बिना मेरी बेंगलुरु यात्रा अधूरी थी। और जब भी चेन्नई आती, वह मुझे फ़ोन करतीं। उनकी बहुत याद आएगी। शांति से विश्राम करो अम्मा।"
An era gold golden cinema comes to an end. #SarojaDevi amma was the greatest of all times . No other female actor in south has ever enjoyed the name and fame as her. Such a lovable adorable soul she was. Had a great rapport with her. My trip to Bengaluru was incomplete without… pic.twitter.com/gj8bQt0glq
— KhushbuSundar (@khushsundar) July 14, 2025
फिल्म समीक्षक श्रीधर पिल्लई ने भी श्रद्धांजलि दी और लिखा, "दक्षिण भारतीय सिनेमा के स्वर्णिम काल में उन्होंने राज किया। एमजीआर के साथ उनकी जोड़ी ऐतिहासिक थी।"
सम्मान और उपलब्धियां
सरोजा देवी को उनके सिनेमा में योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा पद्मश्री (1969) और पद्मभूषण (1992) से नवाजा गया। उन्हें तमिलनाडु सरकार से कलैमामणि अवॉर्ड और बैंगलोर यूनिवर्सिटी से मानद डॉक्टरेट की उपाधि भी मिली।
सरोजा देवी की अंतिम विदाई
उनका अंतिम संस्कार बेंगलुरु में होने की उम्मीद है, जहां सिनेमा और कला जगत की हस्तियां उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचेंगी। बी. सरोजा देवी की कला, गरिमा और समर्पण आने वाली पीढ़ियों के लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत रहेंगे।
काजल सोम
