स्क्रीन से दूरी कैसे बनाएं?: जानें किताबों से दोस्ती करने के असरदार तरीके

किताबों से रिश्ता जोड़ें।
आज की युवा पीढ़ी मोबाइल और इंटरनेट की लत से घिरी हुई है। दिन की शुरुआत हो या अंत, आंखें लगातार स्क्रीन पर टिकी रहती हैं। यह डिजिटल लत धीरे-धीरे मानसिक थकान, एकाग्रता की कमी और सामाजिक दूरी का कारण बन रही है।
इससे सबसे ज़्यादा नुकसान यह हो रहा है कि किताबें - जो कभी ज्ञान और आत्मिक शांति का जरिया थीं- हमारी जिंदगी से गायब हो गई हैं। लेकिन अच्छी बात ये है कि इस दूरी को कम किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि स्क्रीन टाइम कैसे घटाएं और किताबों को फिर से अपना दोस्त कैसे बनाएं।
मोबाइल की लत: एक खतरनाक आदत
आज हर छोटा-बड़ा मोबाइल-इंटरनेट के बिना नहीं रह सकता। यह एक नशे जैसा बन चुका है। हर पांच-दस मिनट में फोन चेक करना अब एक आदत है, जो मानसिक थकावट, चिड़चिड़ापन और ध्यान भटकने का कारण बनता है। लगातार स्क्रीन देखने से आंखों में जलन, सिरदर्द और नींद की कमी जैसी समस्याएं भी बढ़ रही हैं।
किताबें: ज्ञान और आत्मिक शांति का स्रोत
किताबें सिर्फ जानकारी का माध्यम नहीं, बल्कि मानसिक योग की तरह हैं। अच्छी किताबें सोचने की क्षमता को बढ़ाती हैं, भाषा समृद्ध करती हैं और जीवन में गहराई लाती हैं। साहित्य, आत्मकथाएं और धार्मिक ग्रंथों से जीवन के अनुभवों और मूल्यों की सीख मिलती है।
किताब पढ़ना कैसे शुरू करें?
- शुरुआत छोटे प्रयासों से करें – दिन में सिर्फ 10-15 मिनट
- सोने से पहले बच्चों को कहानी पढ़कर सुनाएं
- सप्ताह में एक दिन 'बुक डे' रखें
- घर में एक खास कोना केवल किताबों के लिए बनाएं
मोबाइल से दूरी कैसे बनाएं?
- भोजन, परिवार संग समय और सुबह की शुरुआत मोबाइल से दूर रखें
- सप्ताह में एक दिन ‘नो स्क्रीन डे’ तय करें
- न्यूज और लेख मोबाइल के बजाय प्रिंट में पढ़ने की आदत डालें
- मोबाइल में नोटिफिकेशन बंद कर स्क्रीन टाइम लिमिट सेट करें
- पुस्तक संस्कृति को बढ़ावा दें
- जन्मदिन, त्योहारों या अन्य अवसरों पर किताबें गिफ्ट करें
- दोस्तों में बुक एक्सचेंज की परंपरा शुरू करें
- सोशल मीडिया पर पढ़ी गई किताबें शेयर करें- Book Reels या Threads के रूप में
- स्थानीय पुस्तक मेलों या लाइब्रेरी कार्यक्रमों में भाग लें
