Rajasthan News: राजस्थान की इन विश्वविद्यालयों में होंगे ये बड़े बदलाव, अब प्रोफेसर चलाएंगे प्रशासन

Teacher Transfer Order
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हरियाणा के शिक्षकों को लगा झटका।
Rajasthan News: राजस्थान में चल रही यूनिवर्सिटी के एडमिनिस्ट्रेटिव पदों की जिम्मेदारी अब सीनियर प्रोफेसर्स को सौंपी जाएगी।

Rajasthan News: राजस्थान में चल रही यूनिवर्सिटी के एडमिनिस्ट्रेटिव पदों की जिम्मेदारी अब सीनियर प्रोफेसर्स को सौंपी जाएगी। इसकी तैयारी चल रही है। कुछ दिनों पहले ही राज्यपाल के उप सचिव ने प्रदेश के 16 विश्वविद्यालयों को इस मामले में एक पत्र लिखा था। इन यूनिवर्सिटीज के रजिस्ट्रार या वित्त नियंत्रक के पद खाली हैं। खास बात ये है कि इसके लिए योग्यता सिर्फ सीनियर एजुकेशन ऑफिसर ही तय की गई है। 4 अप्रैल को जारी हुए इस रिमाइंडर लैटर में कहीं भी प्रशासनिक अनुभव का जिक्र नहीं है। हालांकि इससे पहले इस मामले में राजभवन ने 2 फरवरी को भी एक पत्र लिखा था। इसके बाद भी प्रदेश के 16 विश्वविद्यालयों में कोई ना कोई प्रशासनिक पद खाली चल ही रहा है।

शिक्षकों को मिलेगी टेंपरेरी पोस्टिंग
प्रदेश की यूनिवर्सिटीज में पहले से ही प्रोफेसर्स, एसोसिएट प्रोफेसर्स और असिस्टेन्ट प्रोफेसर्स के पद खाली हैं। अब प्रोफेसर्स को प्रशासनिक दायित्व सौंप दिए जाने से सम्बन्धित विषय के शिक्षक की क्लासेज पर असर दिखाई देगा और छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित होगी। हालांकि यूनिवर्सिटी के इन शिक्षकों को टेंपरेरी ही प्रशासनिक पदों पर रखा जाएगा। नियमित प्रशासनिक अधिकारी मिल जाने के बाद उस पद से फ्री कर वापिस अपने मूल पद पर भेज दिया जाएगा। लेकिन इस पूरी अवधि में छात्रों की पढ़ाई निश्चित रूप से प्रभावित होगी।

50 प्रतिशत पदों पर शिक्षक ही नहीं
बता दें, इन 16 यूनिवर्सिटीज - जेएनवीयू जोधपुर, एमजीएसयू बीकानेर, बीटीयू, एमएलएसयू उदयपुर, वीएमओयू कोटा, एमएसबीवी भरतपुर, आरयूएचएस, मत्स्य विश्वविद्यालय अलवर, पत्रकारिता विश्वविद्यालय, आरटीयू, आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर, संस्कृत विश्वविद्यालय, कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर और उदयपुर, पुलिस विश्वविद्यालय, जोधपुर और लॉ यूनिवर्सिटी शामिल हैं। साल 2023-24 की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश के सबसे सबसे बड़े विश्वविद्यालय राजस्थान यूनिवर्सिटी में ही शैक्षणिक संवर्ग के कुल 1083 पदों में से 629 पद खाली हैं। यानी 50% से अधिक पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति नहीं है। सरकार लम्बे समय से इन पदों को नहीं भर पाई है।

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