NEET UG 2025 Re-Test: हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, 75 छात्रों के लिए दोबारा कराई जाएगी नीट परीक्षा, काउंसलिंग पर लगाई रोक

एमपी हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, इन छात्रों को मिलेगा दोबारा परीक्षा का मौका!
NEET UG 2025 Re-Test: नीट यूजी 2025 (NEET UG 2025) परीक्षा में शामिल इंदौर और उज्जैन के छात्रों के लिए राहत की खबर है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट, इंदौर बेंच ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा है कि बिजली कटौती से परीक्षा में बाधा आने के कारण इन छात्रों को दोबारा परीक्षा देने का मौका मिलना चाहिए।
क्या है मामला?
दरअसल, 4 मई 2025 को आयोजित NEET परीक्षा के दौरान इंदौर और उज्जैन के कुछ परीक्षा केंद्रों पर बिजली चली गई थी। छात्र अंधेरे में पेपर हल करने को मजबूर हुए। शिकायतों के मुताबिक, कई केंद्रों पर जनरेटर या इन्वर्टर भी काम नहीं कर रहे थे। सबसे बड़ी बात ये रही कि न तो छात्रों को अतिरिक्त समय दिया गया और न ही कोई ठोस वैकल्पिक व्यवस्था की गई।
किन केंद्रों के छात्र हुए प्रभावित?
इंदौर के ILVA स्कूल, श्री वैष्णव एकेडमी और माधव कॉलेज जैसे सेंटर प्रमुख रूप से प्रभावित रहे। करीब 200 छात्रों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर न्याय की गुहार लगाई थी, लेकिन कोर्ट ने सिर्फ उन 75 छात्रों के लिए दोबारा नीट परीक्षा कराने का आदेश दिया है, जिन्होंने 3 जून के पहले याचिका दायर की थी।
हाईकोर्ट का बड़ा फैसला:
कोर्ट ने माना कि छात्रों की गलती नहीं थी और उन्हें परीक्षा का पूरा लाभ मिलना चाहिए। NTA को निर्देश दिया गया है कि जल्द से जल्द री-एग्जाम आयोजित किया जाए और उसी के आधार पर छात्रों की रैंक तय की जाए। साथ ही कोर्ट ने ये भी स्पष्ट किया कि जो छात्र 3 जून 2025 के बाद याचिका में शामिल हुए हैं, वे दोबारा परीक्षा के पात्र नहीं होंगे।
अब NEET UG काउंसलिंग भी रुकी
मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (MCC) द्वारा 1 जुलाई से शुरू की जाने वाली नीट काउंसलिंग पर भी फिलहाल रोक लगा दी गई है। अब यह प्रक्रिया री-एग्जाम के नतीजे आने के बाद ही शुरू होगी, जिससे करीब 12 लाख से ज्यादा छात्रों पर असर पड़ेगा।
NTA की दलील और कोर्ट की प्रतिक्रिया
NTA ने कोर्ट में बताया कि कुछ केंद्रों पर इन्वर्टर, टॉर्च और मोमबत्ती जैसी वैकल्पिक व्यवस्थाएं की गई थीं और कुछ छात्रों ने अच्छे अंक भी प्राप्त किए हैं। लेकिन कोर्ट ने कहा कि सभी छात्रों को समान अवसर मिलना चाहिए। जो छात्र वाकई में प्रभावित हुए हैं, उनके साथ न्याय होना चाहिए।
