MP में 4,820 स्कूलों की मान्यता खतरे में:: शिक्षा मंत्री ने दी चेतावनी, कहा- मोहन सरकार में नियमों से ही चलना होगा

निजी स्कूलों की मान्यता को लेकर उठे विवाद पर शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कड़ा रुख अपनाया है।
भोपाल। मध्यप्रदेश में निजी स्कूलों की मान्यता को लेकर उठे विवाद पर स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कड़ा रुख अपनाया है। मंत्री ने साफ कहा है कि यह मोहन यादव की सरकार है, यहां नियम-कायदों से ही चलना होगा, कोई छूट नहीं दी जाएगी। यदि कोई निजी स्कूल मान्यता के नियमों का पालन नहीं करेगा, तो उसकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी।
मंत्री सिंह ने कहा कि स्कूलों को तय मानकों पर खरा उतरना ही होगा। यदि कोई स्कूल मानकों को पूरा नहीं करता, तो हम उसे एक साल की सशर्त मान्यता दे रहे हैं। लेकिन अगर अगले साल भी मानक पूरे नहीं किए गए, तो मान्यता रद्द कर दी जाएगी।
क्या बोले शिक्षा मंत्री?
- यह मोहन यादव की सरकार है, यहां नियम-कायदों से ही काम होगा।
- बच्चों की पढ़ाई नहीं रुकेगी, हर जगह सरकारी स्कूल मौजूद हैं।
- नियमों से कोई समझौता नहीं होगा, अव्यवस्था को मंजूरी नहीं मिल सकती।
- शिक्षा विभाग अब सक्रिय है, इसलिए सभी स्कूलों को नियमों का पालन करना ही होगा।
4,820 स्कूलों ने मान्यता के लिए आवेदन नहीं किया
निजी स्कूल संगठन जैसे प्राइवेट स्कूल वेलफेयर मंच नए नियमों का विरोध कर रहे हैं। मंच के प्रदेश अध्यक्ष शैलेष तिवारी ने कहा कि 4,820 स्कूलों ने अब तक मान्यता के लिए आवेदन नहीं किया है। इस वजह से लगभग 60,000 शिक्षक बेरोजगार हो सकते हैं। आरटीई के तहत पढ़ रहे 1.25 लाख से ज्यादा गरीब बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ सकता है।
संचालकों की मुख्य समस्याएं
रजिस्टर्ड किरायानामा बनवाना मुश्किल। मकान मालिक किराया और एडवांस बढ़ाने की शर्तें रख रहे हैं। सुरक्षा निधि और भारी-भरकम मान्यता शुल्क छोटे स्कूलों के लिए परेशानी बन रहा है।
