स्वतंत्रता दिवस पर बड़ा तोहफा: JEE और NEET के फीस पर मिलेगी 80% तक की छूट

Education News: 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जेईई और नीट की तैयारी कर रहे छात्रों को बड़ी राहत मिली है। देश की प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान मोशन एजुकेशन ने ‘शिक्षा का महाउत्सव 2025’ अभियान की घोषणा की है, जिसके अंतर्गत छात्रों को कोर्स फीस पर 30% से 80% तक की भारी छूट दी जा रही है। यह छूट 15 अगस्त 2025 तक मान्य रहेगी।
अभियान का उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सभी वर्गों के लिए अधिक सुलभ और किफायती बनाना है, खासकर उन छात्रों के लिए जो आर्थिक या सामाजिक रूप से पिछड़े हैं, लेकिन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में गंभीर हैं।
क्या-क्या मिलेगा इस महाउत्सव में?
‘शिक्षा का महाउत्सव 2025’ के तहत निम्नलिखित संसाधनों पर छूट प्रदान की जा रही है।
जेईई और नीट के लिए "अमृत पाठ्यक्रम"
कॉम्बो पैकेज, एनसीईआरटी आधारित अभ्यास सामग्री
ऑनलाइन टेस्ट सीरीज़
डाउट-क्लियरिंग सेशन्स
ओलंपियाड और फाउंडेशन प्रोग्राम
छात्र SHIKSHA कूपन कोड का उपयोग करके इन संसाधनों पर आकर्षक छूट प्राप्त कर सकते हैं।
कोचिंग के संस्थापक नितिन विजय ने इस पहल को केवल एक अभियान नहीं, बल्कि एक शैक्षिक आंदोलन बताया। उनके अनुसार, “हमारा लक्ष्य है कि देश का हर मेहनती छात्र, चाहे वह किसी भी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि से आता हो, विश्वस्तरीय शिक्षा प्राप्त कर सके। इस पहल के जरिए हम चाहते हैं कि हर युवा आत्मनिर्भर बने और अपने सपनों को साकार कर सके।”
डिजिटल शिक्षा से ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों तक पहुंच
संस्थान का यह डिजिटल अभियान भौगोलिक सीमाओं को पार करते हुए देश के कोने-कोने तक पहुंचने का प्रयास है। विशेष रूप से हिंदी भाषी क्षेत्रों के छात्रों के लिए यह पहल महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप है, जिसमें समान शिक्षा, डिजिटल सशक्तिकरण और समावेशिता पर ज़ोर दिया गया है।
वैश्विक विस्तार की दिशा में कदम
मोशन एजुकेशन ने हाल ही में कुवैत में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय अध्ययन केंद्र भी स्थापित किया है। यह केंद्र प्रवासी भारतीय छात्रों को भारतीय पाठ्यक्रमों के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण ऑफलाइन और ऑनलाइन कोचिंग प्रदान करेगा।
स्वतंत्रता दिवस के इस शुभ अवसर पर कोचिंग की यह पहल देश के युवाओं को शिक्षा के जरिए सशक्त बनाने की दिशा में एक सार्थक प्रयास है। यह न केवल छात्रों को प्रेरित करेगी, बल्कि शिक्षा में समान अवसर सुनिश्चित करने की दिशा में एक मजबूत कदम भी साबित हो सकती है।
