जेईई एडवांस्ड 2025: भोपाल के आरुष नावकर सिटी टॉपर, गर्ल्स कैटेगरी में अनवी बंसल ने मारी बाजी ; जानें इनकी सफलता के मूलमंत्र

JEE Advanced 2025 Bhopal Topper
भोपाल (मधुरिमा राजपाल)। जेईई एडवांस रिजल्ट 2025 में भोपाल के आरुष नावकर ने 239 नंबर लाकर सिटी टॉप किया है। ऑल इंडिया लेवल पर उन्हें 427 रैंक मिली है। जबकि, अनवी बंसल ने ऑल इंडिया रैंक 1557 प्राप्त कर गर्ल्स कैटेगरी में टॉप किया है। रोहित वेदी को 739वीं और मोहम्मद हमजा को 1595 वीं रैंक मिली है। इन टॉपर्स ने हरिभूमि से खास चर्चा में अपनी सक्सेस का फार्मूला बताया है। टॉपर्स की जुबानी जानें उनकी सफलता का मूलमंत्र।

आरुष नावकर: मां ने निभाई पिता की भूमिका, साकार करूंगा सपना
जेईई एडवांस 2025 में भोपाल के टॉपर आरुष नावकर ने सफलता का श्रेय अपनी मां को दिया है। कहा, हर सफलता के पीछे एक कहानी होती है, मेरे पीछे मेरी मां दीपा नावकर हैं। जो बंसल अस्पताल में डॉक्टर हैं। सिंगल पैरेंट के रूप में मेरी मां ने मेरा पालन पोषण बेहद ध्यानपूर्वक किया। मेरी मैथ्स में रुचि देखकर उन्होंने मुझे जेईई फाउंडेशन कोर्स में दाखिला दिलाया फिर 10 वीं क्लास से मेरा पूरा फोकस जेईई पर रहा और मैंने रोजाना करीब 5-6 घंटे पढ़ाई की और छुट्टियों में मैंने 10-12 घंटे पढ़ाई की। उन्होंने कहा मैं टॉरगेट लेकर पढ़ता हूं कि आज इतना कम्पलीट करना है। उन्होंने कहा कि मुझे केमिस्ट्री सबसे ज्यादा टफ लगता था लेकिन मेरे हाईएस्ट मार्क्स भी केमिस्ट्री में ही आए हैं क्योंकि मैंने इस विषय पर पूरा फोकस किया। आरुष कहते हैं कि जब पढ़ते पढ़ते मैं बोर हो जाता हूं तो फैमिली के साथ टाइम स्पेंड करना पसंद करता हूं या फिर कोई कॉमेडी वेब सीरीज देखना या गाने सुनना पसंद करता हूं। उन्होंने कहा कि मैं यूथ को यही संदेश देना चाहता हूं कि कई बार हमें लगता है कि हम नहीं कर पाएंगे, पढ़ने का मन नहीं करता, ऐसे में आप अपने मन को जबरदस्ती लगाए और किसी दूसरे सब्जेक्ट को पढ़ें, सफलता जरुर मिलेगी।

मोहम्मद हमजा: एग्जाम से पहले हुआ डिहाइड्रेशन, लेकिन पूरा फोकस रहा पढ़ाई पर
एआईआर 1595 लाने वाले शहर के मोहम्मद हमजा ने कहा कि वैसे तो मैं देहरादून से हूं और वहीं से जेईई की तैयारी करता था, लेकिन उस पढ़ाई से खुश नहीं था और मुझे माइग्रेन की समस्या थी और पेपर बिगड़ गया था। इसलिए भोपाल आकर स्टडी की। मुझे लगा कि यहां अच्छे से तैयारी हो जाएगी। रोजाना 6 से 8 घंटे पढ़ाई के अलावा क्लासेस भी अटेंड करता था। केमिस्ट्री में इंप्रूवमेंट की जरूरत लगी तो मैंने ज्यादा मेहनत की। 2022 में 12वीं पास करने के बाद एक साल ड्रॉप आउट लेकर प्रिपरेशन की। इम्यूनिटी कमजोर होने और माइग्रेन की समस्या के चलते बार-बार बीमार हो जाता था। जेईई मेंस के एग्जाम के दौरान फूड प्वाइजनिंग और डिहाइड्रेशन हो गया, लेकिन पढ़ाई से फोकस नहीं हटने दिया। ईद मनाने घर भी नहीं गया। मैंने लगातार नौ घंटे मॉक टेस्ट देकर माइग्रेन की समस्या का सामना किया। इससे मुझे पता चला कि नौ नहीं तो छह घंटे तो बैठकर पेपर दे सकता हूं।

अनवी बंसल: मेरी सफलता में माता-पिता दोनों का बहुत बड़ा योगदान
गर्ल्स सिटी टॉपर संकल्प पब्लिक स्कूल की छात्रा अनवी बंसल रहीं। उन्होंने एआईआर 1557 हासिल की। अन्वी कहती हैं कि मैंने जेईई के लिए 11वीं क्लास से ही पढ़ाई शुरु की और रोजाना 4 से 5 घंटे पढ़ाई की है। इसके अलावा कोचिंग क्लासेस में पढ़ाई के अलग हॉवर्स होते थे। उन्होंने कहा कि मेरे पापा इंजीनियर हैं और मेरी इस सफलता में माता-पिता दोनों का बहुत बड़ा योगदान है। दोनों ने मुझे काफी मोटिवेट किया है। वहीं मैथ्स को लेकर उन्होंने कहा कि मैं मैथ्स के क्वेश्चन हमेशा सॉल्व करती रहती थी, डाउट पूछती रहती थी। ताकि मेरा मैथ्स स्ट्रांग हो जाए और मैं अच्छे मॉर्क्स स्कोर कर सकूं।

रोहित वेदी: समय पर रिवीजन जरूरी, नहीं तो पिछला पढ़ा सब भूल जाते हैं
भोपाल के रोहित वेदी ने ऑल इंडिया रैंक 739 लाए, रोहित ने कहा कि मैं 11वीं क्लास से ही जेईई की तैयारी कर रहा हूं। 8-9 घंटे मैंने सेल्फ स्टडी की है। उन्होंने कहा कि मेरी मां एक हाउसवाइफ है और पापा प्राइवेट कॉलेज में काम करते हैं, बड़ी बहन आईटी इंडस्ट्री में है। रोहित कहते हैं की मैथ्स मेरे लिए काफी लेंदी सब्जेक्ट रहा तो इसके लिए मैंने प्राब्लम साल्विंग पर ध्यान दिया। वहीं क्लास को रेगुलरली अटेंड करता था और रिवीजन टेस्ट सीरीज को भी मैंने काफी अच्छे से किया है क्योंकि मुझे पता है कि आप पढ़ लेते हैं लेकिन उसके बाद रिवीजन नहीं करते तो पिछला सब भूल जाते हैं।
