शहीदों की तेरहवीं से पहले भारतीय सेना ने लिया पुलवामा हमले का बदला, पाक में खलबली, जानिए बदला लेने 11 दिन तक कैसे चला ये ऑपरेशन

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By - टीम डिजिटल/हरिभूमि, नई दिल्ली |26 Feb 2019 10:44 AM
पुलवामा हमले का बदला लेने 11 दिन तक भारतीय वायुसेना ने रणनीति बनाई. डे-बाय-डे प्लान के बाद 12 मिराज विमानों ने 300 से अधिक आतंकियों को मार गिराया है. बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले के बाद देश में कार्रवाई की मांग की जा रही थी. हमले में सुरक्षा बल के 40 जवान शहीद हुए थे. इसके बाद देशभर में पाकिस्तान पर कार्रवाई की मांग की जा रही थी.
नई दिल्ली. शहीद जवानों के तेरहवीं से पहले ही भारतीय सेना ने पुलवामा हमले का बदला ले लिया है. पुलवामा हमले का बदला लेने 11 दिन तक भारतीय वायुसेना ने रणनीति बनाई. डे-बाय-डे प्लान के बाद 12 मिराज विमानों ने 300 से अधिक आतंकियों को मार गिराया है. बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले के बाद देश में कार्रवाई की मांग की जा रही थी. हमले में सुरक्षा बल के 40 जवान शहीद हुए थे. इसके बाद देशभर में पाकिस्तान पर कार्रवाई की मांग की जा रही थी.
भारतीय वायुसेना के हमले को खुद पाकिस्तान ने कंफर्म किया है. पाकिस्तान की सेना के अफसर आसिफ गफूर ने ट्वीट किया है, ‘‘भारतीय वायुसेना के विमान मुजफराबाद सेक्टर से घुसे. पाकिस्तानी वायुसेना की ओर से समय पर और प्रभावी जवाब मिलने के बाद वह जल्दीबाजी में अपने बम गिरा कर बालाकोट के करीब से बाहर निकल गए. जानमाल को कोई नुकसान नहीं हुआ है.’’हालांकि पाकिस्तान की ओर से हमले में नुकसान को खारिज कर दिया है.
बीते 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के 12 दिन के भीतर भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान को सबक सिखा दिया है. वायुसेना ने मंगलवार तड़के पाकिस्तान में घुसकर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को तबाह किया. जानकारी के मुताबिक वायुसेना के करीब 12 मिराज विमानों ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया. वहीं हमले में 300 से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने की संभावना है. दिलचस्प यह है कि पाकिस्तान की ओर से हमले की बात स्वीकार ली गई है. हालांकि पाकिस्तान ने किसी भी तरह के नुकसान की बात मानने से इंकार कर दिया है. आइए जानते हैं कि भारत ने कैसे इस पराक्रम को अंजाम दिया.
15 फरवरी : पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारतीय वायुसेना के एयर चीफ मार्शल बीरेंद्र सिंह धनोआ ने पाकिस्तान को जवाब देने के लिए एयरस्ट्राइक का प्रपोजल रखा. इस प्रपोजल को सरकार ने तुरंत मंजूरी दे दी.
16-20 फरवरी : इसके बाद भारतीय एयरफोर्स और आर्मी ने हेरॉन ड्रोन के साथ नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर हवाई निगरानी शुरू कर दी.
20-22 फरवरी : इस दौरान भारतीय वायुसेना और इंटेलिजेंस एजेंसियों ने स्ट्राइक के लिए संभावित साइट्स को निर्धारित किया.
21 फरवरी : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजीत डोभाल की ओर से एयरस्ट्राइक के लिए लक्ष्य को निर्धारित किया गया.
22 फरवरी : भारतीय वायुसेना के 1 स्क्वाड्रन 'टाइगर्स' और 7 स्क्वाड्रन 'बैटल एक्सिस' को स्ट्राइक मिशन के लिए एक्टिव किया गया. इसके अलावा 2 दो मिराज स्क्वाड्रन मिशन के लिए 12 जेट चुने गए.
24 फरवरी : पंजाब के भटिंडा से वार्निंग जेट और यूपी के आगरा से मिड एयर रिफ्यूलिंग का देश के भीतर ट्रायल किया गया.
25 फरवरी : इस दिन ऑपरेशन की शुरुआत करते हुए 12 मिराज विमान को तैयार किया गया. स्ट्राइक से पहले मिराज पायलट ने लक्ष्य को कंफर्म किया. पाकिस्तान के भीतर मुजफ्फराबाद में लेसर गाइडेड बमों के जरिए हमला किया गया. रात 3.20 बजे से 4 बजे के बीच इस पराक्रम को अंजाम दिया गया.
26 फरवरी : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने पीएम नरेंद्र मोदी को इस ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी.
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