योगेंद्र-प्रशांत ने दिए अलग पार्टी बनाने के संकेत, 14 अप्रैल को बुलाई समर्थकों की बैठक

नई दिल्ली. आप की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर किए गए वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने अभी हार नहीं पानी है और दोनों ने ऐसे संकेत दिए हैं कि वे अलग पार्टी का निर्माण कर सकते हैं। जानकारों का मानना है कि इन दोनों बाघियों के इस फैसले से सीएम अरविंद केजरीवाल की परेशानियां बढ़ने वाली है।
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बताया जा रहा है कि अपनी शक्ति जानने और जताने के मकसद से प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव डॉ. बीआर आंबेडकर के जन्मदिवस पर 14 अप्रैल को अपने समर्थकों के साथ एक बैठक करेंगे। इस मीटिंग में आप के बागी सदस्य और सामाजिक आंदोलनों से जुड़े नेता शामिल होंगे। मीटिंग में आप के आंतरिक लोकपाल रहे ऐडमिरल एल रामदास और नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर भी आमंत्रित किया गया है।
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पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में योगेंद्र ने अपने अगले कदम के बारे में पूछे गए किसी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया लेकिन यह कहा कि उनके समर्थक, कार्यकर्ता और शुभचिंतक 14 अप्रैल को बी आर अंबेडकर के जन्मदिन पर मिलेंगे।
योगेंद्र ने कहा, 'मेरा विचार है कि 'आप' आंदोलन की भावना को जीवित रखना है। हमें निश्चित तौर पर आगे देखना होगा। हमें इन घटनाओं और नकारात्मकता से प्रभावित नहीं होना है। हमें आगे बढ़ना चाहिए। आगे बढ़ने का रास्ता देश में उर्जा पैदा करेगा।'
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'आप' से अपने और प्रशांत के निष्कासन की आशंका जाहिर करते हुए योगेंद्र ने कहा कि 'आप' नेतृत्व उन्हें और प्रशांत को पार्टी से बाहर किए बिना चैन से नहीं बैठेगा और दोनों इसके लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वह खुद इस्तीफा नहीं देंगे।
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