टेलीकॉम सचिव ने कंपनियों को दी हिदायत, नेटवर्क में प्रोब्लम हुआ तो होगी कड़ी कार्रवाई

टेलीकॉम सचिव ने कंपनियों को दी हिदायत, नेटवर्क में प्रोब्लम हुआ तो होगी कड़ी कार्रवाई
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मोबाइल टावरों का किसी कारण से न लग पाना या फिर पुराने टावरों को रेडिएशन की शिकायत पर हटाए जाने का बहाना नहीं चलेगा।

नई दिल्ली. देश की राजनीतिक व्यवस्था जब आम आदमी के हित में पूरी मजबूती के साथ खड़ी होती है तो उसका नौकरशाही पर कितना सकारात्मक असर पड़ता है इसकी बानगी देखिए। दूरसंचार सचिव राकेश गर्ग ने मोबाइल सर्विस प्रोवाइडरों को साफ-साफ हिदायत दी कि लगातार आ रही कॉल-ड्राप की शिकायतों को दूर नहीं किया गया तो कड़ी कार्रवाई को तैयार रहो। मंत्रालय के उच्चस्तरीय बैठक में संचार सचिव ने कहा, मोबाइल टावरों का किसी कारण से न लग पाना या फिर पुराने टावरों को रेडिएशन की शिकायत पर हटाए जाने का बहाना नहीं चलेगा।

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शिकायत आ रही है कि निजी कंपनियां कॉल-ड्रॉप के कारण हजारों करोड़ रुपए का वारा-न्यारा कर रही हैं। ग्राहकों को नए सिरे से कॉल का चार्ज चुकाना पड़ता है जब कि एक ही कॉल चल रही हो तो ग्राहकों के जेब से अपेक्षाकृत कम पैसे जाते हैं। ग्राहकों के लिए ग्राहकों की भाषा में संचार सचिव ने मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर निजी कंपनियों को बुरी तरह हड़काया। उन्होंने कहा कॉल-ड्रॉप की समस्या ज्यादातर मेट्रो सिटी में हो रहे हैं। मेट्रो में यात्रा के दौरान भी लगातार कॉल-ड्रॉप की शिकायतें आ रही हैं। इसे समय रहते बिना किसी ना-नुकुर के ठीक करना होगा।

संचार सचिव के कड़े रुख को भांपते हुए सभी कंपनी प्रतिनिधियों ने एकसुर में विश्वास दिलाया कि जल्द ही सभी शिकायतें दूर कर दी जाएंगी। उन्होंने बताया कि मोबाइल टावर लगाने के लिए स्थानीय निकायों से बातचीत अंतिम चरण में है। कूछ सरकारी जमीन अधिग्रहित कर टावर लगाए जाने हैं। कुछ कंपनियों ने बताया कि सड़क के नीचे केबल को दुरुस्त करने के लिए स्थानीय निकायों से इजाजत लेने में लंबा समय लग जाता है इसीलिए भी पेरशानी बढ़ी है।
संचार सचिव ने दो टूक निजी कंपनियों के प्रतिनिधियों को दो टूक कहा कि पैकेज-रेट जो तय कर ग्राहकों को बताए जाते हैं उसमें समय-समय पर बिना ग्राहकों को बताए बदल दिए जाते हैं। जिससे ग्राहकों को बिना वजह ज्यादा बिल चुकाने को बाध्य किया जाता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि विदेश प्रवास के दौरान रोमिंग के इस्तेमाल और उसके पैकेज की जानकारी नहीं दी जाती।
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