दिल्ली वालों के लिए स्पेशल फीचर, गूगल मैप से पता करें घर से स्कूल की दूरी

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By - haribhoomi.com |24 Dec 2013 6:30 PM
गूगल मैप से पता करें घर से स्कूल की दूरी के बारे में, गूगल ने शुरू की व्यवस्था।
नई दिल्ली. राजधानी के नर्सरी स्कूलों में दाखिले के लिए स्कूल से घर की दूरी को अधिक महत्व देते हुए इसके लिए 70 प्वाइंट निर्धारित किया गया है। इस वर्ष दाखिले के लिए गाइडलाइन में किए गए इस बदलाव से जहां अभिभावक खुश है, वहीं दूरी के लिए इतने अधिक प्वाइंट निर्धारित किए जाने व मैनेजमेंट कोटा समाप्त किए जाने से स्कूल प्रशासन नाराज है।
दाखिले शुरू होने के दौरान स्कूल जिस तरह से मनमाने तरीके से नियमों को तोड़मरोड़ कर पेश करते हैं। इसे लेकर अभिभावकों के मन में अभी से घर की दूरी की शर्त पूरी करने के बाद भी प्वाइंट मिलेंगे, इसे लेकर संदेह हैं। श्रुति जो कि एक वर्किंग लेडी है, ने बताया कि इस वर्ष उनकी बिटिया साढ़े तीन साल की हो जाएगी। दाखिले के लिए गाइडलाइन जारी होने के बाद ही घर से नजदीक के सभी स्कूलों की दूरी वे नाप चुकी है। एक-दो स्कूल इस दायरे में आए है।
दाखिले शुरू होने के दौरान स्कूल जिस तरह से मनमाने तरीके से नियमों को तोड़मरोड़ कर पेश करते हैं। इसे लेकर अभिभावकों के मन में अभी से घर की दूरी की शर्त पूरी करने के बाद भी प्वाइंट मिलेंगे, इसे लेकर संदेह हैं। श्रुति जो कि एक वर्किंग लेडी है, ने बताया कि इस वर्ष उनकी बिटिया साढ़े तीन साल की हो जाएगी। दाखिले के लिए गाइडलाइन जारी होने के बाद ही घर से नजदीक के सभी स्कूलों की दूरी वे नाप चुकी है। एक-दो स्कूल इस दायरे में आए है।
लेकिन जिस तरह से नियमों को लेकर स्कूल प्रशासन मनमानी करते हैं, उससे पूरे प्वाइंट मिलेंगे, इसे लेकर वे अभी भी कंफर्न नहीं है। वहीं सिर्फ स्कूल से घर की दूरी के आधार पर मिले प्वाइंट से ही दाखिला नहीं हो सकता। सिबलिंग, एलुमनाई, ट्रांसफर, गर्ल चाइल्ड व अन्य कैटेगरी के प्वाइंट के अंतर्गत उनकी बिटिया नहीं आती। इसलिए वे अभी से ही दाखिले को लेकर आशंकित है। वहीं ऑल इंडिया पैरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल के अनुसार स्कूल से अभिभावक के निवास की दूरी समस्या को गूगल मैप द्वारा माप कर इसका हल किया जा सकता है। वहीं गुरुवार को निजी स्कूल संचालकों द्वारा नर्सरी दाखिले के लिए जारी गाइडलाइन के जिन मुद्दों पर आपत्ति जताई थी, उसे लेकर शिक्षा निदेशक के उपराज्यपाल से मिलने की संभावना है।
ईडब्ल्यूएस के लिए नियम हुए आसान
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) और वंचित वर्ग के बच्चों के लिए राजधानी के निजी स्कूलों में 25 फीसदी सीटें आरक्षित है। वहीं इस वर्ग के बच्चों के लिए एक अन्य सुविधा कॉमन फॉर्म से दाखिले की है। लेकिन अगर किसी कारणवश अभिभावक स्कूल जाकर फॉर्म नहीं लेना चाहते तो वे शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट से भी इसे डाउनलोड कर जमा करा सकते हैं। इसके अलावा इस वर्ग के लिए जितनी सीटें आरक्षित की गर्इं थी, उसमें बदलाव नहीं किया जा सकता। सबसे बड़ी बात अनाथ बच्चे वंचित वर्ग की श्रेणी के अंतर्गत दाखिला ले सकते हैं, इसे स्पष्ट कर दिया गया है।
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