दिल्ली रेपकांड के बाद ''उबर कैब'' को किया गया ब्लैकलिस्ट, जानिए कैसे काम करती है कंपनी

दिल्ली रेपकांड के बाद उबर कैब को किया गया ब्लैकलिस्ट, जानिए कैसे काम करती है कंपनी
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कैब संचालक कंपनी उबर दुनिया के 50 देशों के ढाई सौ शहरों में कंपनी काम करती है। दुनिया के सबसे कीमती सेवाओं में से एक है।
नई दिल्ली. दिल्ली में युवती के साथ कैब में रेप की घटना के बाद सुविधा उपलब्ध कराने वाली कंपनी उबर को दिल्ली सरकार ने तत्काल प्रभाव से ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। दरअसल रेप का मामला सामने आने के बाद सर्विस प्रोवाइडर कंपनी उबर के बारे में कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। कंपनी ने बगैर जांच पड़ताल के ही आरोपी ड्राइवर को नौकरी पर रखा था। इसके साथ ही कंपनी ने गाड़ियों में जीपीएस भी नहीं लगा रखा था।
टैक्सी मालिकों और ड्राइवरों से करार करके ऐप के जरिए सर्विस देने वाली उबर कोई मामूली कंपनी नहीं है। दुनिया के 50 देशों के ढाई सौ शहरों में कंपनी काम करती है। दुनिया के सबसे कीमती सेवाओं में से एक है। यह कॉल सेंटर से नहीं बल्कि ऐप से चलती है।40 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कारोबार है। उबर का भारत में कारोबार काफी फैल रहा है। भारत में 10 शहरों में उसकी सर्विस है।अमेरिका के बाद भारत उसके लिए सबसे बड़ा बाजार है।
ऐप के जरिए कैसे मिलती है टैक्सी?
स्मार्टफोन पर एप्लिकेशन डाउनलोड करते हैं और एप्लिकेशन में आप अपना पिक अप लोकेशन चुनते हैं। जीपीएस ऑन होगा और आप अपने एरिया का पिन डालेंगे। इसके बाद आपको अपनी लोकेशन दिखेगी. इसके बाद रिक्वेस्ट पर क्लिक करेंगे इसके बाद दिखाएगा कि आपकी गाड़ी बुक हो चुकी है। इसके बाद आपको नजदीकी कैब ड्राइवर का नंबर आपको मिल जाएगा, और यहां यह भी दिखाएगा कि कितने मिनट में गाड़ी आपके पास पहुंच जाएगा। यहां पर आपको टैक्सी के इस्तेमाल के बाद पैसे भी नकद नहीं चुकाए जाते और पैसा क्रेडिट कार्ड से कट जाता है।
नीचे की स्लाइड्स में जानिए, रिजर्व बैंक ऐसे भुगतान पर सवाल उठा चुका है-
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